जर्नलिज्म वर्ल्ड

संतोष भारतीय के इशारों पर खबरों की हत्या

तेवरआनलाइन, पटना

किसी भी व्यक्ति को खुद से खुद के बारे में प्रचारित करना सही है या गलत यह बहस का मुद्दा हो सकता है. लेकिन संतोष भारतीय का पोस्टरबाजी अभियान, इस अभियान में खुद को देश  सबसे निर्भिक और विश्वसनीय पत्रकार कहना किसी भी पत्रकार को नहीं पच रहा है.इतना ही नहीं उनके साथ काम कर चुके और उनके साथ काम कर रहे पत्रकारों के लिए भी यह सब बदहजमी का कारण बन रहा है. खैर उनकी कथित निर्भिकता विशवसनियता का एक उदाहरण पिछले दिनों पटना के एक कार्यक्रम में दिखा. कार्यक्रम ईटीवी बिहार द्वारा आयोजित था. संतोष भारतीय मंच पर उपस्थित थे. कुछ बड़े नेता भाषण देकर जा चुके थे, तो कुछ मंच पर विराजमान थे. इसी बीच मंच पर अफरा तफरी मच गई.कारण था भाषण दे रहे पसमांदा नेता की बात रवीन्द्र भवन के प्रेक्षागृह में बैठे कुछ दूसरे गुट के नेताओं को पसंद नही आई. बस मच पर ही शुरू हो गया जुतमपैजार.

संयोग से पूरी घटना को नाइटशेड मीडिया प्रोडक्शन लिमिटेड के दो पत्रकार राकेश कुमार (रिपोर्टर) और उमेश कुमार (कैमरा मैन)शूट कर रहे थे. तभी संतोष भारतीय की नजर कैमरा कर रहे इन पत्रकारों पर पड़ी. संतोष भारतीय ने ईटीवी के खुछ स्टाफ का ध्यान इस ओर आकर्षित किया.और नाइटशेड के नवोदित प्रशिक्षु पत्रकारों को शूट करने से रोक दिया गया. यहां तक तो ठीक था लेकिन इसके बाद वहां जो हुआ वह अप्रत्याशित था .आयोजक संस्था के स्टाफ
द्वारा उन दोनों मीडियाकर्मी को घेर लिया गया और उनसे वह टेप (कैसेट) मांगा गया जिस पर जुतम पैजार शूट किया गया था. कैसेट नहीं देने पर उन मीडियाकर्मी को एक तरह से जबरिया रवीन्द्र हॉल के पीछे वाले एक कमरे में ले जाया गया.जहां दबाब बना कर टेप से जुतमपैजार के दृश्य को डीलिट करवा दिया गया।

दुर्भाग्य तो यह रहा कि पोस्टरों में खुद को निर्भिक और विश्वसनीय पत्रकार का दावा करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार के सामने इस “काले कारनामे” को अंजाम दिया गया।  इस बावत नाइटशेड मीडिया प्रोडक्शन के मीडियाकर्मी राकेश कुमार ने बताया कि मंच पर पर हो रहे हो –हंगामा को जब शूट किया जा रहा था तभी मंच पर बैठे एक व्यक्ति ने कुछ लोगों को हमारी ओर इशारा किया तभी कुछ लोग हमारे पास आए और फिर हमारे साथ यह सब कुछ हुआ.बाद में पता चला कि इशारा करने वाले सज्जन का नाम संतोष भारतीय है, वरिष्ठ पत्रकार तो हैं ही ईटीवी के लिए एक कार्यक्रम भी बनाते हैं नाइटशेड प्रोडक्शन कंपनी बिहार के एक क्षेत्रीय चैनल हमार टीवी के लिए प्राइवेट प्रोड्यूसर के तौर पर पड़ताल के नाम से रिसर्च आधारित एक कार्यक्रम बना रही है. कार्यक्रम को आन एयर होने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा. लेकिन तैयारी जारी है इसी सिलसिले में उसके मीडियाकर्मी ईटीवी के कार्यक्रम में कवरेज के लिए गए थे.

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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