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सक्षम-2025″ आईएलएस भुवनेश्वर में आयोजित

अमरनाथ, भुवनेश्वर। “सक्षम-2025” एक ईंधन संरक्षण जागरूकता अभियान कार्यक्रम है, जिसे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के तत्वावधान में तेल उद्योगों द्वारा आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम शुक्रवार को इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस (ILS) परिसर में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों को ईंधन संरक्षण की आवश्यकता के प्रति जागरूक करना था ताकि स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा की जा सके और भारत की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके।

प्रकृति स्वयं अनमोल है और पारिस्थितिकी तंत्र की सेवाएँ समाज के लिए अमूल्य लाभ प्रदान करती हैं। “सक्षम-2025” का टैगलाइन है “हरित और स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से स्वच्छ पर्यावरण”

कार्यक्रम की शुरुआत ओडिशा राज्य कार्यालय, आईओसीएल के जीएम (ल्यूब्स) श्री एस लक्ष्मण पेरुमल के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद, श्री कमल शील, सीजीएम एवं राज्य प्रमुख, आईओसीएल और ओडिशा के राज्य स्तरीय समन्वयक ने “सक्षम-2025” के दौरान आगामी 15 दिनों में तेल उद्योगों द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न जागरूकता अभियानों पर प्रकाश डाला।

उत्कल विश्वविद्यालय ऑफ कल्चर, भुवनेश्वर में ओड़िसी संगीत की एसोसिएट प्रोफेसर और ओडिशा संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित डॉ. संगीता गोसाईं ने अपने मुख्य भाषण में युवा पीढ़ी में संरक्षण की आदतों को विकसित करने के महत्व को रेखांकित किया।

इस कार्यक्रम में एचपीसीएल, बीपीसीएल, गेल और आईओसीएल सहित तेल उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा, ओडिशा के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के 140 से अधिक छात्रों ने इस जन-जागरूकता अभियान में भाग लिया।

कार्यक्रम का समापन श्री निगमानंद मिश्रा, डीजीएम (समन्वय), गेल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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