सन्नी की मौत पर पुलिस की अपनी थ्योरी
पटना मेडिकल कालेज के छात्र सन्नी कुमार ने गले में फंदा डालकर खुद को समाप्त कर लिया। इसके साथ ही वह अपने पीछे एक साथ कई प्रश्न छोड़ गया। फिलहाल सन्नी के इस कदम को लेकर उसके घर वाले सदमे में हैं। पटना मेडिकल कालेज में नामांकन के बाद से ही सन्नी कुमार अपने आप को असहज महसूस कर रहा था। यहां के वरिष्ठ छात्र लगातार उसे परेशान कर रहे थे। आरोप है कि पढ़ाई के बोझ और वरिष्ठ छात्रों की रैगिंग की वजह से उसका मानसिक संतुलन बिगड़ता जा रहा था। हालांकि ऊपर से तो वह सहज ही दिख रहा था। सन्नी के पिता कामेश्वर राम को यकीन नहीं था कि उनका बेटा आत्महत्या जैसा कदम भी उठा सकता है।
सीनियर छात्रों के डर से सन्नी क्लास में उपस्थित होने से कतराता था। इसका असर उसकी पढ़ाई पर भी पड़ रहा था और इससे निकलने का उसे कोई रास्ता भी नहीं दिख रहा था। उसके घरवाले इस संबंध में कालेज के प्रबंधकों से बातचीत करने की तैयारी कर रहे थे।
आरोप है कि सरस्वती पूजा के लिए सीनियर छात्रों ने उससे 12 सौ रुपये चंदा मांगा था। इस संबंध में उसने अपने घर वालों को भी सूचना दी थी। बहुत जल्द वह घर वापस आने की भी बात कर रहा था, लेकिन अचानक उसकी मौत की खबर से घर वाले सकते में हैं। सन्नी की बहन का तो बुरा हाल है। अभी भी उसे यकीन नहीं हो रहा है कि उसका भाई उसे छोड़कर बहुत दूर जा चुका है। अपने भाई के लिए वो लगातार बिलख रही है।
सन्नी की आत्महत्या के लिए मुख्यरुप से रैंगिग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वैसे भी मेडिकल और टेक्निकल कालेजों में रैगिंग की भयावहता अक्सर देखने और सुनने को मिल जाती है। फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले की जांच कराने की बात कर रहे हैं।
परिजनों का मानना है कि सन्नी की मौत रैगिंग के कारण हुई है, जबकि पुलिस एक अलग ही थ्योरी गढ़ने में लगी हुई है। पुलिस का कहना है कि सन्नी पढ़ने में कमजोर था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या करने का निश्चय किया। फिलहाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दे दिया है।
पुणे के एक इंजीयरिंग संस्थान के छात्र अश्वनी प्रताप सिंह ने भी आत्महत्या करके अपने घर वालों को दहला दिया है। इस छात्र के बारे में यही कहा जा रहा है कि वो पुणे से लौटने के बाद वह मानसिक रूप से बीमार था। उसका पटना में ही इलाज चल रहा था. वहां उसके साथ क्या घटना घटी इस बारे में घर वालों को कुछ भी पता नहीं है,मामला चाहे जो हो लेकिन इतना तय है कि युवाओं में आत्महत्या करने की प्रवृति बढ़ रही है।
Parents / Guardian ka apne bachcho se duriya. Unka aapne bachcho se jayeda expectation. Unki khud ki uchi mahatwakancha …. etc. ke saath growing child (yuva varg) ka santulan na bana pana ka parinam hai aaj ka jindagi se palayan.
i think we ol must raise our voice against dese things hw cn ny1 nly 4 fun treat a human being so brutally so that d prsn gt hurtd dat much dat he takes big decision lyk killin himself by cmmitin suicide… i think govrnment must tak appropriate action against dese things nd take apropriate action against dese antisocial elements ol f us r responsible 4 dis so shame on us……