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सहार के कोरन डिहरी गांव में इंदूभूषण की सभा कम शक्ति प्रदर्शन ज्यादा

सरकार,सुनील और हुलास के प्रति था अक्रोश
सहार के कोरन डिहरी गांव में इंदूभूषण की सभा
जमकर हुई नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी!

यह रणवीर सेना के संस्थापक और राष्ट्रवादी किसान संगठन के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्मेश्वर मुखिया के उत्तराधिकारी इंदूभूषण के सम्मान में आयोजित सभा थी या शक्ति प्रदर्शन इस पर भले ही बहस और मुहावरों का दौर चल सकता है, पर सहार थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव कोरन डिहरी में रविवार को मुखिया के बेटे और संघ के अध्यक्ष इंदूभूषण के सम्मान में आयोजित  अभिनंदन समारोह में जुटी भीड़ जिससे सभास्थल भी छोटा पड़ गया ने यह एहसास करा गया कि दिवंगत मुखिया के प्रति आज भी भोजपुर के सैकड़ों गांव में सम्मान और सहानुभूति है। रविवार को इस गांव में आयोजित सभा के मुख्य आकर्षण  इंदूभूषण के साथ शाीपुर की विधायक मुन्नी देवी के जेठ विशेश्वर ओझा भी थे जो मुख्य अतिथि के रुप में सभा में मौजूद थे। लगभग चार दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे विशेश्वर ओझा का नाम ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के बाद तब सुर्खियों में आया जब मुखिया हत्याकांड में अदालत में एक गवाह के हुए बयान में यह बात सामने आई कि षडयंत्रकर्ता मुखिया की हत्या के साथ  विशेश्वर ओझा की भी हत्या की बात कर रहे थे। मुख्यमार्ग से कोरन डिहरी गांव का रास्ता संकीर्ण होने और सभास्थल के आसपास पार्किंग की व्यवस्था  नहीं होने के कारण लगभग डेढ़ सौ चारपहिया वाहन जिनमें पत्रकारों की भी गाड़ियां थीं को गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर सहार-चांदी मार्ग पर ही रोक दिया गया फिर भी उत्साही लोगों का जैनसैलाब उमड़ता देखा गया। लगभग 12 से 15 हजार के बीच जुटी भीड़ में सकड़ों लोग इसलिए वापस लौट गए कि सभास्थल पर खड़े होने की भी जगह नहीं थी। यूं तो यह सभा इंदूभूषण के अभिनंदन समारोह के बहाने समारोह के संयोजक श्रीनिवास पांडे के अनुसार यह विधायक सुनील पांडे और उनके भाई हुलास पांडे को उनकी औकात बताने के लिए की गई थी, जिन्होंने किसान संगठन में दो फाड़ करने की कोशिश करते हुए बाबा रणवीर न्यास समिति के  नाम पर बेलाऊर में पिछले दिनों एक सभा का आयोजन किया था। कोरन डिहरी में आयोजित सभा में इंदूभूषण और विशेश्वर ओझा के लाख मना करने पर भी मंच और जनता के बीच से यह आवाज गुजती रही कि ‘मुखिया जी हम शर्मिदा हैं, अबतक तुम्हारे हत्यारे जिन्दा है’ इसके अलावा ‘सुनील पांडे-हुलास पांडे मुर्दाबाद और हत्यारी सरकार होश में आओ’ के नारों से गांव गुंजयमान रहा। हालांकि बाद में प्रेस से बात करते हुए इंदूभूषण व विशेश्वर ओझा दोनों ने कहा कि सरकार को मुखिया हत्याकांड में सही जांच करानी चाहिए और अगर यह सरकार के बलबूते नहीं तो वह इसकी सीबीआई जांच कराए।

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One Comment

  1. Bat chahe shakti pradarshan ki ho Ya Indubhushan Singh ke samman ka,Ek bat to saf ho chuki hai ki Sunil Pandey aur Hulas pandey jaise samaj k lutero se Bhumiharo ko Savdhan rahne ki aavshyakta hai aur En dono Pandey bandhuwo ka samjik bahishkar hona chahiye.Sushasan ka dhol pitne wale cm ko v Mukhiya g ki hatya ki janch karwani chahiye.

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