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सिक्किम के राज्यपाल ने शिक्षाविदों को किया सम्मानित

पटना। बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले एमलेन बुक्स एंड स्टेशनरी की सहभागिता के साथ पटना गांधी मैदान स्थित होटल मौर्य के सभागार में “शिक्षा सम्मान समारोह-2021” का आयोजन किया गया। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डी. के. सिंह की अध्यक्षता में बिहार के शिक्षाविदों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने सम्मानित किया। समारोह के सफल आयोजन मे एमलेन बुक्स के निदेशक मनीष सिंह एवं उनकी पूरी टीम ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में बतौर उद्घाटनकर्ता महामहिम राज्यपाल सिक्किम गंगा प्रसाद चौरसिया, मुख्य अतिथि नितिन नवीन (पथ निर्माण मंत्री बिहार सरकार) एवं प्रोफेसर केसी सिंहा कुलपति नालंदा विश्वविद्यालय की गरिमामई उपस्थिति रही। अतिथियों के सम्मान में प्लीजेन्ट् वैली स्कूल के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय गान एवं स्वागत गान किया|

कार्यक्रम का उद्घाटन महामहिम राज्यपाल गंगा प्रसाद, नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री बिहार सरकार, प्रोफेसर के. सी. सिंहा कुलपति नालंदा विश्वविद्यालय, अध्यक्ष डॉ. डी. के. सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. एस. एम. सोहेल, सचिव प्रेम रंजन, डॉ. रमेश सिंह, विजय कुमार सिंह एवं अमलन बुक्स के निदेशक आदित्य कुमार के द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

महामहिम राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि बिहार ही नहीं पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक क्रांति लाने का कार्य निजी विद्यालयों ने किया है। बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन एवं एमलेन बुक्स एंड स्टेशनरी को शिक्षा सम्मान समारोह के आयोजन के लिए बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि मेरी शुभकामनाएं हैं कि यह संगठन इस प्रकार के सम्मान समारोह का आयोजन हमेशा करती रहे। यह काफी सराहनीय पहल है, जिन्होंने कोरोना की महामारी को भूलकर वापस उन्हें अपने जिम्मेवारियों का एहसास दिलाने के लिए बिहार के विभिन्न जिलों से शिक्षाविदों को चयनित कर सम्मानित करने का कार्य कर रही है।

स्वागत भाषण के दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डी. के. सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अहम एवं उल्लेखनीय योगदान देने वाले शिक्षकों एवं शिक्षाविदों को प्रोत्साहित करने के लिए यह शिक्षा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। संगठन के लिए यह गर्व का क्षण है कि महामहिम राज्यपाल सिक्किम एवं बिहार के गणमान्य मंत्रीगण अपने कीमती वक्त के साथ यहां उपस्थित हुए हैं।

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा की आज यहां से सम्मानित होने के बाद जब शिक्षाविद अपने घर को जाएंगे, तो उन्हें इस बात का एहसास होगा कि उनका योगदान बिहार एवं देश की विकास के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

कुलपति नालंदा विश्वविद्यालय प्रो. केसी सिंहा ने कार्यक्रम के आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे लिए यह गर्व का क्षण है कि यहां एक साथ सैकड़ों शिक्षाविदों के समक्ष उपस्थित होने का अवसर मिला है।

कार्यक्रम के दौरान सौरभ कुमार, कौशिकी मिश्रा एवं बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव प्रेम रंजन के द्वारा मंच संचालन का कार्य संयुक्त रूप से किया गया।

धन्यवाद ज्ञापन के दौरान संगठन के उपाध्यक्ष डॉ. एस. एम. सोहेल ने आए हुए अतिथियों एवं शिक्षाविदों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि गुणात्मक शिक्षा ही निजी विद्यालयों की पहचान रही है। किसी भी परिस्थिति मे निजी विद्यालय इससे समझौता नहीं कर सकती है।

सम्मानित होने वाले शिक्षाविदों मे डॉ. रमेश सिंह, विजय कुमार सिंह, डॉ. बी. प्रियम, निशांत कुमार, रघुवंश कुमार, मनन कुमार सिन्हा, अजय गांधी, विनय कुमार सिन्हा, इं. राहुल रंजन, उदय कुमार सिंह, देवेंद्र सवर्ण, ललन कुमार सिंह, डॉ. पी. के. दर्शन, रामेश्वर सिंह, परशुराम सिंह, इं. अशोक कुमार, अरुण कुमार सिन्हा, जिलाध्यक्ष रोहतास संतोष कुमार, जिलाध्यक्ष जहानाबाद कृष्णा कुमार,जिलाध्यक्ष मधुबनी मंजूर आलम जिला अध्यक्ष दरभंगा एचएन कश्यप जिला अध्यक्ष बक्सर बीके मिश्रा, जिलाध्यक्ष अररिया सूर्य नारायण गुप्ता, जिलाध्यक्ष गया शैलेन्द्र कुमार, अरशद अहमद, सबीहा प्रवीण, सूरज सिन्हा, अनुज कुमार, डॉ. आर. पी. साहू, शंभू सहाय, चन्द्रभूषण मिश्रा, मनीष सिंह एवं अन्य कई शिक्षाविद शामिल हैं।

 

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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