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हाथों की मेंहदी उतरने से पहले ही जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दी जाती हैं

गोपालकृष्ण यादव, कटिहार


बिहार के कटिहार जिले में गरीबी एवं बदहाली के कारण बड़े पैमाने पर लड़कियों को बेचने और लालच देकर देश के देह व्यापार मंडियों में धकेले जाने का धंधा फल-फूल रहा है। पिछले वर्ष भी जिले में यह मामला सुर्खियों में रहा। दुल्हा एंव कई दलाल जेल भेजे गये, किन्तु इसका कोई सार्थक असर नहीं हो पाया ।


जिले की कई गांवों की बेटियां उत्तर प्रदेश के सीतापुर के आसपास ब्याही गई हैं। संपर्क करने पर एक महिला ने बताया ने कि वे मजबूरीवश अपनी बेटियों का ब्याह इन जगहों से आये दुल्हों से कराते हैं। इन दुल्हों का परिचय स्थानीय दलाल अपना संबंधी बताकर देते हैं तथा भोले-भाले माता-पिता को बेटी के सुखद भविष्य का सपना दिखाकर अपने जाल में फंसाते हैं। ब्याह रचाने के बाद जिस्म के सौदागर लड़कियों का टेलीफोन संपर्क उनके माता-पिता से तीन-चार बार कराते हैं, लेकिन उसे मायके नहीं जाने देते और तीन–चार महीने बाद उन्हें जिस्मफरोशी के दलदल में धकेल देते हैं। वे उनका आपत्तिजनक तस्वीर भी खींच लेते हैं। जो लड़कियां धंधा करने से इन्कार करती हैं उसे उसके घर पर आपत्तिजनक तस्वीर भेज देने की धमकी देते हैं। अभिभावकों को भी धमकी दी जाती है कि पुलिस में रिपोर्ट करने से उनका कुछ नहीं होगा। वे पैसे के बल पर छूट जाएंगे, लेकिन उनकी बेटी की बदनामी होगी। वे उन्हें पैसे देकर चुप रहने के लिए धमकाते हैं। रुपये के लालच तथा बदनामी के डर से लड़कियां और उनके परिवार वाले चुप रहते हैं।


कटिहार जिले में बरारी प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव, कुरसेला के बल्थी महेशपुर का सीमावर्ती क्षेत्र, गिद्दा तथा बलरामपुर की लड़कियां उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक ब्याही जाती हैं। हाल ही में आजमगढ़ प्रखंड क्षेत्र में ऐसी घटनाएं सुर्खियों में रही, जहां महज कुछ हजार रुपयों की खातिर यहां की बेटियों को दूर प्रदेश के अनजाने शहर में उम्रदराज दुल्हों के साथ शादी करवाकर भेजने की तैयारी थी, लेकिन एन मौके पर स्थानीय पुलिस की तत्परता से नाबालिग लड़कियों को बिकने से बचाया गया और जिस्म के दलालों और कथित दुल्हे को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया।दिनों बाद कोढ़ा प्रखंड के अमौनी गांव निवासी रुदल शर्मा की पुत्री का विवाह एक मंदिर में कराते समय पुलिस ने मौके पर आकर 45 वर्षीय दुल्हा भरत राय निवासी उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में बताया गया कि 15 वर्षीय नाबालिक पूजा के पिता तीन वर्ष रोजी-रोटी उपार्जन के लिए पंजाब गया था। अबतक वह वापस नहीं लौटा है। इसका फायदा उठाकर एक महिला दलाल ने लड़की के परिजनों को महज कुछ हजार रुपये की लालच देकर शादी के बहाने पूजा को बेचने की योजना बनाई, लेकिन पूजा के इंकार करने से यह योजना सफल नहीं हो सकी। गांव के ही किसी व्यक्ति ने पुलिस को यह सूचना दी तथा कोढ़ा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उक्त नाबालिक को बचाया।


जिले का अधिकांश हिस्सा नदियों के प्रकोप और कटाव से हर साल पीड़ित रहता है। किसानों को छोड़ आम आदमी की जिंदगी आर्थिक तंगी से तबाह और बर्बाद है। ऐसी स्थिति में लड़कियों को खरीदने बेचने वालों के पौ बाहर है। दलाल उनकी गरीबी का फायदा उठाकर लड़कियों को खरीदने बेचने का सुनहरा अवसर पा लेता है। इस अमानवीय धंधे से द्रवित होकर कई स्यंवसेवी संस्थाएं इसे रोकने का बीड़ा तो उठा लेती हैं, लेकिन बाद में वे भी इससे अपना खींच लेती हैं। अनुंडल अधिकारी राजीव रंजन कहते हैं, इसका मूल कारण गरीबी और अशिक्षा है। 


 (साभार:  साप्ताहिक समाचार पत्र बिहारी खबर से)

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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