पहला पन्ना

10 जुलाई तक राजद में 1लाख बनेंगे प्राथमिक सदस्य- जयप्रकाश यादव

लालमोहन महाराज,मुंगेर . जनता दल मुंगेर के द्वारा शुक्रवार को मुंगेर के नीलम चौक पर स्थित चांद महल में सदस्यता अभियान को लेकर समीक्षा बैठक समीक्षा बैठक की गई। यह समीक्षा बैठक जिले में चल रहे राजद के सदस्यता अभियान को लेकर आयोजित किया गया।  इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद के राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश नारायण यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि राजद का सदस्यता अभियान काफी सराहनीय रहा है। सदस्यता अभियान के एक लाख लक्ष्य का पीछा करते हुए  पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने 75, 3,25 प्राथमिक सदस्य बनाए हैं। सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि राजद का स्थापना दिवस 5 जुलाई को मनाने मनाया जाना है ।सभी राजद के पदाधिकारी व कार्यकर्ता आगामी 10 जुलाई तक हर हाल में 1लाख सदस्य बनाएंगे।  उन्होंने इस अवसर पर जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुए तारापुर विधानसभा क्षेत्र के संतोष कुशवाहा, राजेश साह ,प्रमोद कुशवाहा ,वरुण कुशवाहा को माला पहनाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज देश की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है ।सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं के लिए अग्निपथ योजना लाकर विचित्र स्थिति उत्पन्न कर दी  है। देश की तानाशाही सरकार व उसकी हुकूमत भाईचारा पर कुठाराघात करने में जुटी हुई है ।इसका राजद पार्टी पुरजोर विरोध करती है ।इस अवसर पर राजद के राज्य परिषद सदस्य नरेश सिंह यादव, राजद जिलाध्यक्ष डॉ देवकीनंदन सिंह राजद के तारापुर के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी अरुण साव, धरहरा के प्रखंड अध्यक्ष रामबालक यादव ,अरुणा राय, राजद नेत्री बबीता भारती, राजद के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष राजेश रमन उर्फ राजू यादव, दिनेश यादव, गजेंद्र कुमार हिमांशु,जमालपुर नगर अध्यक्ष मंटू यादव, बरियारपुर प्रखंड अध्यक्ष हरदेव सिंह ,राजद के युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष आसिफ वसीम सहित दर्जनों नेता थे।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button