नोटिस बोर्ड

नारी पर फूहड़ गीत के विरोध में अपील

अंबिका शर्मा

श्रीमान् जी उपरोक्त के संदर्भ में आपसे सादर अनुरोध है कि जीन्द निवासी तीन  फ़ूहड गायक कृष्ण डून्ड्वा, प्रदीप बुरा व काला कुन्डू ने ब्राह्मण महिलाओं के प्रति जो फूहड़ व अश्लीलतापूर्ण गायन किया है, वह ब्राह्मण समाज की इज्जत पर सीधा हमला और बिल्कुल बर्दाश्त से बाहर है। ब्राह्मण समाज हमेशा सर्वसमाज की इज्जत करता है और करता रहेगा पर इसे उसकी कमजोरी नहीं समझना चाहिये। ब्राह्मण शास्त्र पढाने के लिये जाना जाता है, अतः उसे शस्त्र उठाने को मजबूर ना किया जाय। श्रीमान जी हम ब्राह्मण कुल की महिलायें जहां एक तरफ़ शास्त्र पाठन के लिये संस्कारी व तेजश्वी सन्तान पैदा कर समाज का उत्थान करने की सोच रखती हैं, तो उन नीच असमाजिक तत्वों को नहीं भूलना चाहिये कि ब्राह्माण शिरोमणि परशुराम भी हम ब्राह्मणियों की कोख से ही पैदा हुए थे, जिसने कइ बार अपने अकेले के दम पर पृथ्वी पर असमाजिक व सुर शक्ति का विनाश कर समाज का बचाव किया था। अतः हमारी बर्दाश्तपूर्ण शराफ़त को हमारी कमज़ोरी ना समझा जाये। अतः हम महिलायें आपसे करबद्ध प्रर्थना करते है कि तुरंत उन असमाजिक नीच फ़ूहड गायकों के खिलाफ़ ब्रह्मण नारियों के प्रति गाये असभ्य व निंदनीय गाने के लिए उनके ऊपर सख्त से सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज़ कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर हमें न्याय दिलाने का कस्ट करें। न्याय में देरी से कहीं ऐसा ना हो कि सामाज में आपस में तनाव पैदा हो उससे पहले आप न्यायोचित कदम उठा कर हमें कृतार्थ करें।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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