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लोग मुझे कॉल करे जा रहे थे’, 2 अक्टूबर को कॉल्स की बाढ़ आ गई’ – अभिनेत्री इशिता दत्ता ने खुलासा किया

दिवंगत निशिकांत कामत की मर्डर मिस्ट्री “दृश्यम” ने 2015 में दर्शकों का ध्यान खींचा और उन्हें और अधिक चाहने के लिए छोड़ दिया। और अब मेकर्स ने दूसरी किस्त के साथ पूरी तरह से तैयारी कर ली है! अभिनेत्री इशिता दत्ता, जिन्हें फिल्म में उनकी भूमिका के लिए दर्शकों से अपार प्यार और सराहना मिली, ने 2 अक्टूबर को उनके साथ हुई एक घटना के बारे में बताया ।

चूंकि यह एक सस्पेंस क्राइम थ्रिलर है, इसलिए फिल्म में एक दृश्य है जहां पूरा सालगांवकर परिवार 2 अक्टूबर को सत्संग में आता है और तब से, संवाद और दृश्य दर्शकों के दिमाग में दर्ज किए गए हैं।

हाल ही में इशिता ने अपने साथ हुआ एक मजेदार वाकया शेयर किया।उन्होंने खुलासा किया, “इस साल दृश्यम की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी थी! हर साल मुझे लोगों के २ अक्टूबर को फोन आते है और जिनके साथ मैं संपर्क में भी नहीं हूं, वे भी मुझे कॉल करना या मुझे टेक्स्ट करना सुनिश्चित करते है । लेकिन इस साल कुछ अलग ही था क्योंकि लोग मुझे बैक टू बैक कॉल कर रहे थे और मुझे ‘कॉल मी अत्यावश्यक’ संदेश भेज रहे थे। और मैंने उन्हें यह पूछने के लिए कॉल बैक किया कि क्या वे ठीक हैं, जिसके लिए उन्होंने जवाब दिया, कल २ अक्टूबर है! और यह वास्तव में था मज़ेदार”।

उन्होंने आगे कहा, “मुझे पता है कि यह सब हो रहा है क्योंकि दृश्यम २ रिलीज हो रही है। यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि लोग दूसरी किस्त को देखने के लिए इतने उत्साहित हैं। समीक्षाएं बहुत अच्छी रही हैं और इस साल मजेदार था। सिर्फ लोग ही नहीं, यहां तक कि वत्सल मुझे परेशान कर रहे थे और मुझे उम्मीद है कि 2 अक्टूबर का यह प्रचार दृश्य २ के आने तक जारी रहेगा।”

अभिषेक पाठक द्वारा निर्देशित दृश्यम 2 में अक्षय खन्ना के साथ पहले भाग की पूरी मुख्य कलाकार अपनी भूमिकाओं को फिर से देखने मिलेगी । भूषण कुमार, कुमार मंगत पाठक, अभिषेक पाठक और कृष्ण कुमार द्वारा निर्मित यह फिल्म 18 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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