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Friday, March 29, 2024
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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

देवी चौधरानी और महारानी तपस्वनी …….!

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-सुनील दत्ता, इन दो महिलाओं ने देश की आजादी के लिए वो अलख जगाई जिसे आज हम सब भूल गये हैं ................ नर--- नारी सृष्टि चक्र में...

किसान-मजदूर अक्तूबर में करेंगे गाँधी मैदान में विशाल रैली

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बबलू प्रकाश, पटना: अप्रैल 4, 2013 – आज बिहार के ३८ जिलों के किसान-मजदूर प्रतिनिधिओं ने किसान-मजदूर गठबन्धन के अंतर्गत आयोजित प्रेस वार्ता में हिस्सा...

नील -आन्दोलन और किसानों के लिए सबक

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सुनील दत्ता, इस देश में नील की खेती की शुरुआत फ्रांसीसियों ने की थी लेकिन अंग्रेजों ने उसे आगे बढाया। 1778  में कैरेल ब्लूम नामक...

पहचान (कविता)

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-अक्षय नेमा मेख, जरूरी है अपनी पहचान अपनों की तलाश के लिए, उस जिन्दगी में जहाँ सब कुछ छूट जाता है पहिये सा घूमता समय निकलता है बिना रुके लेकर सब कुछ। जो...

‘अगले जनम मुझे बाबू ही कीजो‘

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मनोज लिमये, वर्तमान समय में बाबुओं के घर से हड़प्पा-मोहन जोदडो की तर्ज पर लगातार मिल रही चल-अचल संपत्ति मेरे लघु मस्तिष्क पर हावी होती...

तीसरा मोर्चा और मुलायम की पुरानी चाहत

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अनुराग मिश्र, राजनीति में वह ताकत है जो होनी को अनहोनी और अनहोनी को होनी में बदलने का माद्दा रखती है। राजनीति में कभी कोई...

भगत सिंह का पिता के नाम पत्र (23 मार्च शहादत दिवस...

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भगत सिंह, भगत सिंह के बाबा व पिता 30 सितम्बर ,1930 को भगत सिंह के पिता सरदार किशन सिंह ने ट्रिबुनल को एक अर्जी देकर...

‘मैं खुश हूँ औजार बन तू, तू ही बन हथियार…’

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चाणक्य ने कहा था अगर किसी राष्ट्र को सम्पूर्ण वैभव देना हो तो उसकी संस्कृति और शिक्षा पे ध्यान देने की जरूरत है।| अगर...

भारतीय टेलीविजन की दुनिया में धीरज कुमार जी का योगदान अतुलनीय...

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राजू बोहरा, नयी दिल्ली, छोटे पर्दे के दर्शको के लिए निर्देशक विजय के सैनी  का  नाम किसी खास परिचय का मोहताज नहीं है वह। पिछले...

भूख खबर मवाद

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भरत तिवारी ‘शजर’, खबर भूख की भूखों की भूख बेचने वालों की नंगों की नंगे होतों की नंगे करे जातों की जंगल की जंगलियों की जंगलराज की जंगल बचाने की ... डिमांड में है जंगलियों की भूख...