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Tuesday, April 23, 2024
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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

सपने में बापू से मुलाकात (कविता)

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गाँधी जयंती पर विशेष (धर्मवीर कुमार) कल रात सपने में मेरी, बापू से मुलाकात हुई. बापू तो गुस्से में थे, पर बहुत कुछ उनसे बात हुई. बापू बोले...

भू-माफियाओं का गुंडा बनी पटना पुलिस, करोड़ों की जमीन पर दिलाया...

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हाई कोर्ट के आदेशों की भी उड़ाई धज्जिया तेवरआनलाईन, पटना पटना में भू- माफियाओं का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है, यहां तक कि पटना हाई कोर्ट...

प्यार आपका मालिक है, आप उसके सेवक

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(मटुक नाथ चौधरी ) प्यार को समाज में अच्छे-बुरे सब रूपों में लिया जाता है। लोग एक तरह के हैं नहीं, अनेक तरह के हैं।...

मठाधीशों की जय बोलें या रचनाकारों की ?

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(दयानंद पांडेय) अमरकांत जी इन दिनों फिर चर्चा में हैं । ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर अभी कुछ समय पहले भी वह चर्चा में थे। इन्हीं...

दुर्गा पूजा के 75 वें वर्षगांठ पर सरमेरा में भागवत कथा

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नालंदा जिले के सरमेरा गांव में श्री श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने का 75 वां सालगिरह मनाया जा रहा...

मैं और मुसीबतें(कविता )

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(धर्मवीर कुमार,   बरौनी) मुसीबतें आतीं रहेंगी, आना उनका काम है. धैर्य का इम्तिहान लेंगी, लेना उनका काम है. मुझको तो चलने से मतलब, चलना अपना काम है. मुसीबतें...

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कराता धारावाहिक- ‘‘कैसे जिये सेहतमंद ज़िन्दगी’’

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   राजू वोहरा, नई दिल्ली आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में हर इंसान अपने रोजमर्रा के कार्यों में इतना अधिक व्यस्त हो गया है कि वो...

मूर्तियों की दुर्दशा के साथ-साथ जलाशय भी प्रदूषित हो रहे हैं

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श्रद्धा भारती यहां कुछ तस्वीरें संलग्न की गई हैं आपके अवलोकनार्थ. आप इसका अवलोकन करें और अपनी प्रतिक्रिया दें. एक बात मैं य़हां स्पष्ट करना...

खूब खून बहेंगे अबूझमार के घने जंगलों की अबूझ पहेली जानने...

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अखिलेश अखिल, नई दिल्ली इसे केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल विरोधी अभियान का हिस्सा माने या फिर अबूझमार के घने जंगलों में रह रहे...

एक औरत के संघर्ष और सफलता की कहानी है ‘‘मंगलसूत्र…एक मर्यादा’’

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राजू वोहरा, नई दिल्ली प्राइवेट चैनलों के इस आधुनिक दौर में भी दर्शकों के लिए मनोरंजन का सबसे सशक्त माध्यम आज भी दूरदर्शन ही है...