कांग्रेस को समय की पुकार सुननी चाहिए
संजय मिश्र, नई दिल्ली
साल १८८६....स्थान कलकत्ता। अधिवेशन के लिए कांग्रेस को जगह नहीं मिल रही थी। ऐन वक्त पर दरभंगा महाराज आगे आते हैं...
पिछलग्गू लोगों के शोर में और आन्दोलन में फर्क होता है
चंदन कुमार मिश्र
अन्ना से सरकार की अनबन और अन्ना के अनशन का खेल रोज दिख रहा है। तानाशाही तरीका अपनाना कहीं से न्यायोचित नहीं...
भारत और इंडिया के मिलन का प्रस्थान बिंदु हो सकते हैं...
संजय मिश्र
देश आज ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहाँ से कई रास्ते फूटते हैं। कई लोग मानते हैं कि कुछ समय बाद देश पुराने...
गांधी जरूर निहार रहे होंगे अन्ना के आंदोलन को
संजय मिश्र, नई दिल्ली
कुछ-कुछ तहरीर स्क्वेर सा नजारा.... पर संयत। फिजा में हर तरफ संयम, कहीं कोई तनाव नहीं। उलटे उमंग और आकांक्षा पसरती...
सरकारी “बैरोमीटर” बने हुये हैं अन्ना हजारे
अन्ना हजारे सरकार के साथ चूहे बिल्ली का खेल खेल रहे हैं या फिर सरकार मदारी बनकर उन्हें अपनी डुगडुगी पर नचा रही है?...
15 अगस्त पर लंबी भूमिका के साथ “एक कविता”
चंदन कुमार मिश्र
कुछ लोग कहेंगे, बकवास कविता है। कुछ कहेंगे, जब देखो रोता रहता है। कुछ कहेंगे, क्या घिसी पिटी बात दुहराकर कविता बना...
अंग्रेजी के खिलाफ़ जब बोले श्री सेठ गोविन्ददास(भाग-1):-
चंदन कुमार मिश्र
(बिहार राष्ट्रभाषा परिषद के नवम वार्षिकोत्सव में सभापति-पद से श्रीसेठ गोविन्ददास जैसा प्रख्यात और जबरदस्त हिन्दी-सेवी अंग्रेजी के भक्तों के सारे झूठे और बेबुनियाद ...
पटना में हॉस्टल लाइफ को इंज्वाय कर रहे हैं छात्र
आंखों में कुछ कर गुजरने का सपना लिये बड़ी संख्या में युवा वर्ग पटना के ह़ॉस्टलों में आसरा लिये हुये है। घर से निकलने...
पटना के फिल्म प्रेमियों की सिनेमा घरों से बढ़ती दूरी
पटना में फिल्म प्रेमियों की कमी नहीं है। भले ही यहां टिकटों के दाम आसमान छू रहें हों, लेकिन फिल्मों के दीवाने आज भी अपनी...
शरणस्थली के तौर पर बिहार का इस्तेमाल कर रहे हैं आतंकी
बिहार पुलिस ने हरकत उल जेहाद अल इस्लाम (हूजी) का एक सदस्य रियाउल सरकार को पुलिस ने किशनगंज में गिरफ्तार किया है। इसे बिहार...