बिस्मार्क की राह पर नीतीश कुमार
व्यवहारिक राजनीति का दक्ष खिलाड़ी जर्मनी का चांसलर बिस्मार्क राजनीति को संभावना की कला मानता था। उसकी नजर में कुशल राजनीतिक्ष वही है जो...
जनता के गले पर कांग्रेस का हाथ
केन्द्र में बैठी कांग्रेस की सरकार ने फिर से आम जनता पर मंहगाई का वज्रपात कर दिया है। पेट्रोल, डीजल, क़िरोसिन और घरेलू इंधनों...
नीतीश कुमार के सिर चढ़ कर बोल रहा है फारबिसगंज गोली...
फारबिसगंज गोली कांड का भूत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिर पर चढ़ कर बोल रहा है। इस गोलीकांड के बाद एक व्यक्ति...
भारतीय इतिहास का काला दिन 23 जून
चंदन कुमार मिश्र
23 जून 2011 यानि भारत के महापतन का 244 साल पूरे हो गए। जी हाँ, 23 जून 1757 के दिन ही भारत...
इस मुंडे को मनाऊ कैसे?
नवीन पाण्डेय ' निर्मल'
पहले ही आपसी गुटबाजी में उलझी बीजेपी के सामने एक और संकट खड़ा हो गया है। कल्याण सिंह और बाबूलाल मरांडी...
नई दुनिया की सच्चाइयों ने मिथिला चित्रकला के कलाकारों को झकझोरा
स्वावलंबी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और धर्म के सनातनी स्वरूप के कारण मिथिला चित्रकला की परंपरा मोटे तौर पर शुद्ध रूप में चलती रही। लेकिन स्थान...
अन्ना, रामदेव और पीसी में जूता (भाग-2)
संजय मिश्र, नई दिल्ली
गृहमंत्री पी चिदंबरम ने आठ जून को लगभग धमकाने वाले अंदाज में कहा कि (जन-आंदोलनों के ) कम्पे-टि-टिव कवरेज से देश...
काहिल अधिकारियों के भरोसे है मढौरा बिजली आफिस
तेवरआनलाईन, मढौरा, सारण।
जनता की सुविधाओं के प्रति सरकार कितनी लापरवाह है इसका एक उदाहरण सारण जिले के मढौरा के बिजली आफिस में हो रही...
अन्ना, रामदेव और पीसी में जूता (भाग1)
राजनीतिक परंपरा के लिहाज से राम-लीला मैदान में हुई बर्बर कार्रवाई को
समेटे 4-5 जून काला दिन कहलाने का अधिकारी है । इसमें संभव है...
दोलन बन गया बाबा रामदेव का आंदोलन
चंदन कुमार मिश्रा
पिछले आलेख में मैंने लिखा था कि बाबा रामदेव के साथ क्या-क्या हो सकता है। लेकिन वह आलेख सभी बातों और संभावनाओं...