बाल शिक्षा की उदासीन शैक्षणिक पद्धति
आधुनिक संसार में शिक्षा व्यक्ति के विकास का पर्याय बन कर सामने आई है। यह पोलियों की दो बूंदों की तरह इतनी सशक्त हो...
बाल विवाह : छिनता बचपन
वर्डस्वर्थ ने कहा है, The child is the father of the man. व्यस्क की कार्यशक्ति उन अवसरों पर निर्भर करती है जो उसे बचपन...
आखिर क्यों नहीं रुक रहे बाल अपराध ?
अनिता गौतम,
परिवर्तन चाहे सामाजिक हो, राजनीतिक हो या फिर प्राकृतिक इसे बहुत आसानी से महसूस किया जा सकता है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है।...
बच्चों ने दी टीम इंडिय़ा को बधाई
विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान बड़ों के साथ ही बच्चों में भी खासा उत्साह दिखा। 28 सालों बाद मिली जीत को स्कूली बच्चों ने...
सार्थक प्रयास संस्था का आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा...
राजू बोहरा
www.tewaronline.com
नयी दिल्ली : परिस्थितियों से लड़कर आगे बढ़ने का जज्बा रखें। हौसला ही आगे बढने की ताकत देता है। हिम्मत हारने वालों का...
VOB-प्रतिभा सम्मान समारोह-2012 सह कैरियर कौसिलिंग का आयोजन
साकेत विनायक,
वोइस ऑफ़ बिहार (सामाजिक संस्था) द्वारा शिक्षा के प्रति बच्चों की रूचि बढ़ाने और उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से संस्था के...
स्कूल प्रशासन बच्चों की तरफ से बेपरवाह क्यों !
पूस की कड़कड़ाती और हाड़ कपाती ठंढ का आना राजधानी पटना के लिये कोई नयी बात नहीं है । दिसंबर के महीने में पूरा...
बनारसी साड़ी बनाने वाले हाथों ने अपनी ही तीन बेटियों को...
वाराणसी के चौबेपुर के कमौली गांव का रहने वाला अहमद हुसैन एक बुनकर था। अपनी उंगलियों के हुनर से बनारसी साड़ी तैयार करता था, भूख और गरीबी से तंग आकर अपनी तीन बेटियों की गला रेत कर उसने हत्या कर दी।