गजल
राहुल रंजन महिवाल
महबूब को सजदा करना, पर दुनिया को झुकाना है |
ज़माने में इसी का नाम, यारों दिल का लगाना है |
सुनी सुनाई होती...
नव वर्ष के वास्ते कामना
- धर्मवीर कुमार, बरौनी , बेगुसराय
नव वर्ष के वास्ते, है मेरी यह कामना.
जो जहाँ हैं, खुश रहें, दुखों से हो न सामना.
नए साल में,...
प्रकृति में विज्ञान की घुसपैठ… (कविता)
सुमन सिन्हा //
सुबह सवेरे:
पंछियों का कलरव , पत्तियों की सरसराहट ,
सूरज की पहली किरण का स्पर्श..
कलियों का जागना और मुस्कुराना
मंदिर की घंटियाँ , पुजारी...
मैंने देखा (कविता)
-नलिन,
भीड़ देखी,
और भीड़ मेँ तन्हा इन्सान देखा।
घर देखेँ,
और सुनसान मकान देखा।
बस्ती देखी,
और आबाद श्मशान देखा।
रिश्ते देखेँ,
रिश्तोँ का खालीपन देखा।
गैर देखेँ,
गैरोँ का अपनापन देखा।
दोस्त देखेँ,
उनका...