लिटरेचर लव
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…आँखे नहीं भिगोना बाबा (कविता)
”क्या हँसना क्या रोना बाबा, क्या ही गुस्सा होना बाबा” ”तीस बरस से बिछा रहे है, बो ही एक बिछोना…
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बाइट्स प्लीज (उपन्यास, भाग -14)
27. रत्नेश्वर सिंह महीने में दो तीन बार ही पटना आते थे। उनका अधिकांश समय मुजफ्फरपुर में व्यतीत होता था।…
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गूंगी (नाटक समीक्षा)
भारतीय संस्कृति की संवाहिका गंगा — यमुना और अदृश्य सरस्वती जनमानस की प्रेरणास्रोत रही है। प्राचीन काल से प्रयाग का…
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मीडिया में दलित ढूंढते रह जाओगे (पुस्तक समीक्षा )
-कीर्ति // शायद ही कोई ऐसा हो जो मीडिया से आज परिचित न हो ! पहले मिशन, फिर प्रोफेशन और…
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ऐ वीरों मातृभूमि की रक्षा करने आगे बढ़ो
दुश्मन ललकार रहा है वीरों आगे बढ़ो भारत की लाज बचाने आओ साथियों आया है वक्त मर मिटने को साथियों…
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आज मैंने एक सपना देखा …(कविता)
आज ठंडी रात में मैंने एक सपना देखा तुम मेरे पहलू में लेटी हो और मुझे जगा रही हो कह…
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बाइट्स प्लीज ( उपन्यास भाग -13)
24. पटना के मुर्दा घाट के बगल में स्थित कंट्री लाइव का दफ्तर पूरी तरह से राजनीति का अखाड़े बन…
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इक अनहोनी घट गयी (कविता)
भरत तिवारी// इक अनहोनी घट गयी के सारा आलम सोते से जाग गया अबला का शारीरिक शोषण टी.वी. ने दिखाया…
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हुई मुद्दत कि गालिब मर गया…
शिव दास// हुई मुद्दत कि गालिब मर गया पर याद आती है वो हर इक बात कि यूं होता तो…
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यह जादू नहीं टूटना चाहिए (कहानी)
सूरज प्रकाश अभी केबिन में आकर बैठा ही हूं कि मेरे निजी फोन की घंटी बजी। इस नम्बर पर कौन…
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