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आतंकी की भूमिका में हैं माओवादी

वी राज बाबुल, नई दिल्ली मोओइस्ट के अधिकतर आक्रमण की कमान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने संभाल रखी है। इस पुस्तक में मोओइस्ट नक्सलियों के छुपे चेहरों को सामने लाने का प्रयास किया गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, लश्कर और नेपाल के रास्ते नक्सलियों को घातक तरीके से आक्रमण की सीख दे रही है। माओइस्ट के खतरनाक चेहरों को इस किताब द्वारा उभारने का प्रयास किया गया है। अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन एवं आईएसआई के हाथ का कठपुतली धीरे-धीरे नक्सली संगठन बन रहे हैं। किताब के अंदर ओड़िसा के मालकंगगिरी की एक घटना का जिक्र है। जिसमें नक्सलियों ने एक पुलिस इन्फार्मर को जनता के सामने मार दिया था। ज्ञानेश्लरी एक्सप्रेस घटना के बाद माओइस्ट को टेरोरिस्ट न कहा जाये को क्या कहा जाये। उदय कुमार नक्सली विषयों पर पहले भी लिखते रहे हैं। इसके पहले इन्होंने नक्सलाइट मूवमेंट नामक एक किताब लिखी है। वर्तमान में ये केंद्रीय सुरक्षा बल में अधिकारी हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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