कम से कम अपने पांच साल का तो हिसाब दें नीतीश कुमार : चिराग
पटना। लोजपा के नेता चिराग पासवान ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुये कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में हार की आशंका से बौखलाकर अब वह व्यक्तिगत हमला करने पर उतर आये हैं। सवाल यह नहीं है कि राजद के 15 साल के शासनकाल में क्या हुआ, सवाल यह है कि नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के शासन काल में क्या किया। बिहार की जनता उनसे कम से कम पिछले पांच साल का हिसाब तो मांगेगी ही। वर्तमान चुनाव में उन्हें अपने पिछले पांच साल के कार्यों का हिसाब देना चाहिए न कि राजद के 15 साल के शासन काल की दुहाई देकर बिहार के लोगों से वोट मांगना चाहिए।
चिराग पासवन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न सिर्फ बिहार की जनता को गुमराह किया है बल्कि उन्होंने एनडीए में रहते हुये भाजपा को भी गुमराह किया है। महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद जब एनडीए में शामिल हुये थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही उन्हें
आर्शिवाद दिया था। लेकिन एनडीए में शामिल होने के बावजदू उन्होंने महागठबंधन के एजेंडे को नहीं छोड़ा था। बिहार के विकास के लिए तैयार किया गया उनका सात निश्चय महागठबंधन का ही एजेंडा था। एनडीए में शामिल होने के बावजूद वह इसी एजेंडे को आगे बढ़ाते रहे, जबकि महागबंधन का साथ छोड़ने और एनडीए में शामिल होने के बाद उन्हें भाजपा के साथ मिलकर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर आगे बढ़ना चाहिए था।
चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की युवा शक्ति की अनदेखी कर रहे हैं। वह राजद के 15 साल के शासन की दुहाई देकर लोगों से वोट मांग रहे हैं जबकि इस बार के चुनाव में पहली बार वोट देने वालों युवाओं को राजद के 15 साल के शासन काल से कोई लेना देना नहीं है। अब बिहार के युवा लोजपा के बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के नारे पर यकीन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के युवाओं की मानसिकता को समझने में नाकाम साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि बिहार के युवा उन्हें नकार रहे हैं और उनकी बौखलाहट बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि अब मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एजेंडे से भटकने नहीं दूंगा उन्हें बिहार के लोगों को गुमराह करने नहीं दूंगा चाहे व्यक्तिगत तौर पर वह मुझ पर कितना भी हमला क्यों न करें।
उन्होंने कहा कि बिहार की सभी राजनीतिक दिल चाहे जदयू हो, भाजपा हो, कांग्रेस हो या फिर राजद हो, सभी की कभी न कभी किसी न किसी रूम में बिहार की सत्ता में भागीदारी रही है। बिहार की बदहाली के लिए ये पार्टियां ही जिम्मेदार हैं। जब ये सरकार में शामिल थे तो क्यों नहीं यहां के लोगों को नौकरियां उपलब्ध करवाई। अब जब चुनाव आ गया है तो बिहार की बदहाली के लिए एक दूसरे की तरफ उंगलियां उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रथम चरण के मतदान के बाद से ही स्पष्ट हो गया था कि लोजपा बढ़त बनाने में कामयाब रही है। प्रथम चरण के मतदान के बाद लोजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह और बढ़ गया है। दूसरे चरण का मतदान होने जा रहे हैं। इसमें भी लोजपा शानदार प्रदर्शन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी इस बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। बिहार में सभी लोगों पता था कि नीतीश कुमार का सात निश्चय कार्यक्रम जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। सात निश्चय के तहत जो विकास कार्य चल रहे थे उसमें जमकर कमीशनखोरी चल रही थी। अब तो इन कार्यक्रमों से जुड़े एक ठेकेदार के यहां छापेमारी में करोड़ों की चल अचल संपत्तियां भी बरामद हो रही हैं जो इन कार्यक्रमों में भ्रष्टाचार में तस्दीक करती है।
उन्होंने भावुक होते हुये कहा कि बीच चुनाव में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद मेरे पास दो ही रास्ते थे या तो वह अपने पिता की अंत्येष्ठि में लगे रहे या फिर आगे बढ़कर अपने पिता के सपने को पूरा करे। मैंने दूसरे रास्ते का चयन किया। मैंने अपने पिता के सपनों को साकार करना बेहतर समझा। चिराग पासवान ने बिहार के भाजपा नेताओं को आड़े हाथ लेते हुये कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो यकीन है लेकिन बिहार के भाजपा नेताओं में यकीन नहीं है। बिहार के भाजपा नेता नीतीश कुमार के पिछ्लग्गू बने हुये हैं।