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नये साल में तेवरआनलाईन का रिजोल्यूशन

अंग्रेजों का कैलेंडर अभी भी हम पर हावी है। इसी कैलेंडर के सहारे हम नये वर्ष में प्रवेश करते हैं और फिर बीते साल को विदा करते हुये नये साल में बेहतर उम्मीदों की कामना करते हुये बधाईयां देते हैं। नये वर्ष के आगमन पर थोड़ा चीखने चिल्लाने और हुड़दंग मचाने का रिवाज भी विकसित हो चुका है। एक तरह से इसने लोक व्यवहार का रूप ले लिया है। तो यही बेहतर होगा कि हम भी इसी रिवाज के साथ चले, कुछ रिजोल्यूशन लें। तेवरआनलाईन लगातार अपने मिशन में आगे बढ़ रहा है, अपने घोषित इरादों के साथ। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से इतर वेब पत्रकारिता की दुनिया में तेवरआनलाईन ने पूरी कोशिश की है कि सरकार और समाज की हलचलों को आप तक पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ पहुंचाये। कई साथी लगातार अपने धारदार आलेखों से इसे समृद्ध करते रहे हैं। नये साल में तेवरआनलाईन उन सभी के प्रति तहे दिल से आभार व्यक्त करता है, और यह कामना करता है कि आने वाले दिनों में उनकी लेखनी और भी धारदार हो। जिस तरीके से मीडिया की कार्यप्रणाली में पिछले एक दशक में बदलाव में आया है वह निश्चित रूप से अपनी लेखनी के प्रति प्रतिबद्ध पत्रकारों और लेखकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे पत्रकारों और लेखकों के लिए स्पेस सिकुड़ता जा रहा है। खालिस खबरों की जगह पेड न्यूज का चलन हो गया है। काबिल संपादक और पत्रकार पीछे के रास्ते संसद में जाने की जुगत में लगे हुये हैं। ऐसे में उनकी लेखनी से चासनी टपकना स्वाभाविक है। दोष उनका नहीं है, शायद पत्रकारिता के शिखर पर पहुंचने के बाद सांसदों के सामने उन्हें अपना कद छोटा लगता है और इसी गैप को भरने के लिए वे संसद में जाने के लिए जोड़ तोड़ करते हैं। विभिन्न मीडिया हाउसों के मालिकान भी इसी फिराक में रहते हैं कि पत्रकारिता के सहारे संसद में पहुंच जाये,सत्ता और सरकार से छोटे मोटे लाभ तो उठाते ही रहे हैं। मीडिया घरानों और पत्रकारों में जागी इस लालसा ने पत्रकारिता को बेहद नुकसान पहुंचाया है। यदि तकनीकी क्रांति नहीं हुई होती, नेट तक लोगों की सहज पहुंच नहीं हुई होती, तो आज संप्रेषण का इतना बड़ा प्लेटफार्म बन पाना संभव नहीं था। तेवरआनलाईन इंटरनेट पत्रकारिता को पूरी गंभीरता से ले रहा है, इस यकीन के साथ कि लोगों को जागरूक करने और बदलाव का यह एक सशक्त माध्यम बन चुका है।

नये वर्ष में तेवरआनलाईन अपने तेवर में और निखार लाने जा रहा है। सारी तैयारियां चल रही हैं। संसाधनों की कमी की वजह से कई बार खबरों के साथ हम तस्वीर लगा पाने में असर्मथ रहे हैं। कई खबरों के पीछे रीसर्च को लेकर भी हम कुछ कमजोर नजर आये हैं। इस बीच स्पैम हमला भी झेलना पड़ा। इन सारी खामियों को तेवरआनलाईन अपने वश में करने की पूरी कोशिश कर रहा है। वैसे अपने अपने पांच महीने के सफर में तेवरआनलाईन के खाते में उपलब्धियां भी आई हैं। सबसे बड़ी उपलब्धि हमारी विश्वसनीयता है। पाठकों ने बड़ी संख्या में फोन और मेल के माध्यम से तेवरआनलाईन पर प्रकाशित खबरों और आलेखों को न सिर्फ सराहा है बल्कि अपना मार्गदर्शन भी दिया है। तेवरआनलाईन उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता है और उन्हें यकीन दिलाता है कि विश्वास को हम टूटने नहीं देंगे।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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