नारी नमस्ते

निर्भया: बार-बार लगातार !

संतोष सिंह,

निर्भया  एक बार फिर चर्चा में है,  लोगों का आक्रोश उसी तरह सड़कों पर दिख रहा है, जैसा दिल्ली में दिखा था। दिल्ली की निर्भया को लेकर देश में कड़े कानून बने थे। लेकिन भारतीय क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आकड़े को देखे तो महिलाओं से  जुड़ी हिंसा और बलात्कार जैसे घिनौने वरदात में कमी की जगह बढोतरी ही हुई है।  अब यह बिमारी महानगर से होते हुए छोटे शहरों तक पहुच गया है। उस वक्त भी  मैं कड़े कानून का हिमायती नहीं था क्यों कि  महिला हिंसा से जुड़े मामलों में जब कानून कड़े होंगे तो कुछ ऐसे कानून  जिससे लड़कियां और महिलाओं को काफी राहत मिलती थी उस कानून का संरक्षण समाप्त हो जायेगा। और अब वैसा ही कुछ हुआ भी है, जरा आप भी गौर करें। हाल के दिनों में कोर्ट ने महिला हिंसा से जुड़े मामलों में क्या निर्णय लिया है।
युवा वकील पल्लवी पुरकायस्थ के हत्या मामले में गठित देश की पहली महिला विशेष अदालत के फैसले पर जरा गौर करिए, उसने क्या फैसला सुनाया है। इस कोर्ट  की जज भी महिला ही है, इन्होने इस हत्या कांड को रेअरेस्ट आफ रेअर नहीं मानते हुए गार्ड को फांसी की सजा को   आजीवन कारावास में बदल दिया है।
हलांकि इस फैसले को लेकर काफी आलोचनाएं हो रही हैं, लेकिन  विरोध के स्वर में वो दम नहीं है क्यों कि जज महिला ही है।  जज साहिबा ने अपने फैसले में कहा है कि युवा वकील के घर का बत्ती गुल हो गया था, उसे  ठीक करने के लिए उसने गार्ड को बुलाया। गार्ड जब उसके कमरे में पहुंचा तब  पल्लवी के शरीर पर काफी कम वस्त्र था और उसे देखकर गार्ड उत्तेजित हो गया। फिर बलात्कार करने के दौरान उसकी हत्या कर दी। इस घटना में कहीं से भी  कोई सोची समझी साजिश की बात सामने नहीं आ रही है। ऐसे में मौत की सजा नहीं दी जा सकती है।

दूसरा फैसला  हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की एक बैंच ने दिया है, इन्होंने एक लड़की की  याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि लिव-इन-रिलेसन को लेकर कोर्ट को कोई आपत्ति नहीं है। इस दौरान अगर कोई महिला मां बनती है तो उसके बच्चे को वही  अधिकार मिलेगा जो एक शादी शुदा दंपती के बच्चों को मिलता है। लेकिन  इस दौरान किसी बात को लेकर रिश्ते टूटते हैं तो आपसी सहमति से बनाये गये  रिश्ते को कहीं से भी बलात्कार नहीं माना जायेगा।

इसी कड़ी में एक और फैसला  आया, कोर्ट ने लड़कियों को सलाह दिया कि मित्रता के दौरान अंतरंग तस्वीरें  खिचवाने से परहेज करें।
तीसरा महत्वपूर्ण फैसला आया कि दहेज मामले में पुलिस अभियुक्त की गिरफ्तारी से पहले सभी विन्दुओं की जांच करे और अभियुक्त को  अपना पूरा बचाव रखने का मौका दे। इन तीन फैसलों के बाद कोर्ट का रुख लगभग साफ हो गया है,  कानून की नजर में अब महिला और पुरुष बराबर होंगे और अब महिला पीड़िता नहीं रही।
पहले लिव-इन-रिलेशन में रहने वाले लड़के लड़की को डीच देता था तो उस लड़के पर बलात्कार का मामला दर्ज होता था और लड़के को काफी परेशान होना पड़ता था। लेकिन अब क्या होगा, रिश्ते टूटे  तो बहुत हुआ तो ब्रिच आंफ ट्रस्ट का मामला बनेगा, जिसमें कोई कड़ा  कानूनी प्रावधान नहीं है। और अब आप मांग भी नहीं कर सकते हैं बालिग हैं, फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं ऐसे में आपको अब कोई कानूनी सरंक्षण भी नहीं मिलेगा  किसका नुकसान हुआ जरा सोचिए!
कोई कहता है भड़कीले कपड़े ना पहने, तो आप भड़क जाती है, कोई कहता है कि  मोबाईल पर रोक लगे तो आप भड़क जाती है… हाल में हमारी एक महिला फेसबुक मित्र ने बहुत अच्छी बात लिखी है। जंगल में भी शेर किसी जानवर को तब मारता  है जब वो भूख से तड़पने लगता है…  कभी अटखेलियों के लिए किसी हिरण का  शिकार नहीं करता है। लेकिन हमारे समाज में क्या हो रहा है, उस महिला मित्र के  सवाल का मेरे पास सिवाय शर्मिदा होने के कोई जबाव नहीं है।
लेकिन एक बात कहना चाहता हूं उस पर गौर करिए, मुझे लगता है पुरुष प्यार और  सेक्स के मामले में इस पृथ्वी पर जितने भी तरह के जीव जन्तु हैं उनमें सबसे  कमजोर है… कब कहां, किस समय, किस पर  फिसल जायेगा कहना मुश्किल है। इस  फिसलन को कैसे रोका जा सकता है, हम आपसे सलाह चाहते हैं।

हलाकि इसको लेकर  महात्मा गांधी ने भी प्रयोग किया था। जिस दौरान बहुत ही मुश्किल दौर से  उन्हें भी गुजरना पड़ा था। भोजन में संयम, वतावरण में संयम, लेकिन आज क्या हाल है कोई सुनने वाला है क्या ? परिवार और बच्चों के साथ आप देश के  किसी भी पार्क में घूमने नहीं जा सकते हैं… पता नहीं कभी कभी तो मुझे लगता  है जानवर भी इनसे   कहीं ज्यादा समझदार है। दिल्ली मुंबई को कौन कहे पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरभंगा जैसे शहरों का भी यही हाल है।

एक घटना  बता रहा हूं, हाल ही में हमारे एक फेसबूक फ्रेंड का फोन आया। एक नम्बर से वो  काफी परेशान थी… बहुत संकोच के बाद उन्होंने मुझसे बात बतायी। उस नम्बर  पर जब बिहार पुलिस के स्पेशल यूनिट ने पड़ताल किया तो हैरान होकर रात एक बजे फोन  आया। संतोष जी, ये लड़का तो पूरी रात एक दर्जन से अधिक लड़कियों को फोन करता है,  और पूरी रात फोन पर कहिए सेक्स ही करता रहता है। जब इस नम्बर का  कैफ निकाला गया तो सारा पता फर्जी था और चालीस से अधिक ऐसे नम्बर थे जिससे  ये लगातार बात करता था। ये अकेले नहीं हैं इसके अन्य फोन की जांच हुई तो लड़कों का एक बड़ा ग्रुप इस खेल में शामिल था। अब पुलिस इन पर कारवाई के  लिए लिखित शिकायत का इन्तजार कर रही है। वैसे इनके कॉल के आधार पर पुलिस ने तीन दिनों में चार बड़े सैक्स रैकेट का बिहार में खुलासा किया है। इस स्थिति  में सम्भल कर और संयम के साथ रहने के अलावा मुझे कोई और विकल्प नहीं दिख रहा है, नहीं तो आने वाले समय में हर मुहल्ले में दो चार सूत पुत्र दिखने लगेंगे…!

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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