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नैतिकता की शिक्षा नीतीश कुमार से ले बीजेपी: संजय सिंह

तेवरऑनलाईन, पटना

जेडीयू प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी राजनीति की अलग परिभाषा गढने में लगे है। राजनीति तो जनता और राज्य के विकास के लिए की जाती है लेकिन इनके शब्दकोश में विकास और नैतिकता का नाम तो है ही नही । दुर्गावती जलाशय परियोजना के शुरू होने से रोहतास और कैमूर जिलों के किसानों का वह सपना पूरा हुआ है जो चालीस वर्षों से लोग देख रहे थे। इस परियोजना का लाभ रोहतास और कैमूर जिले के किसानों को मिलेगा और साथ ही बिहार के कृषि रोडमैप के लक्ष्यों को हासिल करने में भी बड़ी मदद मिलेगी । 2007 के बाद से बिहार सरकार ने इसे पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किया। सुशील मोदी जी शायद आप इन दिनों निराशावाद से ग्रसित हो गये है क्योंकि आजकल आपको भरा गिलास भी खाली नजर आने लगा है। आप सत्ता में आने के लिए इतनी जल्दबाजी में है कि फैंटेसी में जी रहे है और राज्य सरकार के कामों में मिन-मेख निकालने के लिए दिन रात एक कर रहे है। यदि आपकी राजनीति विकास के लिए होती तो केंद्र मे बीजेपी की सरकार से आप बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते, विशेष पैकेज बिहार के लिए लाते, आमलोगों के लिए योजनाओं को बिहार में लागू करवाते। लेकिन आप ठहरे नकारात्म सोच वाले इंसान। आप कभी बिहार के हित में कुछ कर ही नही सकते क्योंकि बिहार को आप राजनैतिक दृष्टी से देखते है सकारात्म सोच के साथ नहीं। श्री सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता इन दिनों फिल गुड में फिर से जीने लगे है,खैर उन्हे फिल गुड में रहना भी चाहिए ,सपने देखने पर कोई पाबंदी नही है।बीजेपी नेताओं को एक बात बताना चाहता हूं कि राजनाति में क्वालिटी और क्वांटिटी दो चीजे होती है। श्री नीतीश कुमार ने कभी क्वांटिटी की राजनीति नही की है क्वालिटी की राजनीति की है । कभी नीतीश कुमार ने नैतिकता को ताक पर रख कर सत्ता को नही पाया है। जब केंद्र में मंत्री भी थे तो नैतिकता को प्राथमिकता देते हुए इस्तीफा दिया था और जब बिहार में भी परिस्थति बदली तो नैतिकता को आधार मान कर इस्तीफा दिया। माननिय नीतीश कुमार ने कभी भी सत्ता के लिए राजनीति नही की, उन्होंने सिद्धांत और नैतिकता को ही आधार मान कर राजनीति की और बिहार जैसे राज्य को प्रगति की राह पर अग्रसर किया। नीतीश कुमार को चाहने वाले लोग पुरे देश में है ये वो लोग है जो नीतीश कुमार के व्यक्तित्व और कुशल नेतृत्व की क्षमता की वजह से पसंद करते है। बिहार के अलावा बाहर के राज्यों में भी लोग उन्हें सुनने आते है ना कि वो लोग भाड़े पर बुलाए हुए लोग होते है।

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