महिलाओं को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं जदयू प्रवक्ता संजय सिंह
तेवरऑनलाईन, पटना
जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि बीजेपी के नेता तिरिया चरित्र में माहिर हैं। तिरिया चरित्र जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके संजय सिंह कौन सी राजनीति कर रहे हैं नहीं पता, लेकिन महिलाओं को जरूर गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। एक नजर डालते हैं संजय सिंह के बयान के इस अंश पर, बकौल संजय सिंह, “मैं अपील करता हूं देश कि सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसी रॉ और सीबीआई से कि बीजेपी नेताओं को वो बिना परीक्षा और टेस्ट लिए अपने पास रख सकते हैं। इनकी काबिलियत ये है कि ये बिना जांच किए भी रिपोर्ट दे सकते है। इनको सच को झूठ और झूठ को सच करना बखुबी आता है, ये झुठा और मनगढंत आंकडा भी जुटाना जानते है। बीजेपी नेताओं को रॉ और सीबीआई में शामिल होते ही कभी जांच रिपोर्ट देने में देरी नहीं होगी क्योंकि ये तिरिया- चरितर में माहिर है।”
महिलाओं को लेकर एक प्रदेश प्रवक्ती की यह भाषा क्या वाकई महिलाओं को हैंपर करने वाली नहीं है। खैर थोड़ी देर के लिए यह मान भी लिया जाये की महिलाओं की स्थिति आज बिहार नीचले पायदान पर है और वो संजय सिंह इन शब्दों पर विरोध करने की हिमाकत तो दूर सोंचंगी भी नहीं, फिर भी इतना तो साफ है कि एक राजनीतिक दल के प्रवक्ता की ओर से इस तरह से शब्द किसी भी तरह से शोभनीय नहीं है। मजे की बात है कि पार्टी प्रवक्ता होकर वो सीबीआई और रॉ को सलाह दे रहे हैं कि बीजेपी वालों को भर्ती कर लें। बेशक बीजेपी को झूठा करार का उनका हक है, और डेमोक्रेटिक तौर तरीका भी। लेकिन क्या अपने विपक्षियों पर हमला करने के लिए महिलाओं से संबंधित मुआहरों का इस्तेमाल उन्हें करने का हक है। एक व्यक्ति के तौर वे छूट तो ले सकते हैं लेकिन पार्टी में एक अहम ओहदे पर बैठे शख्स के रूप में नहीं। सूबे के शासनधारी पार्टी के एक प्रवक्ता के तौर पर यदि वे महिलाओं को अपमानित करने वाले मुहावरों के साथ अपने राजनीतिक विरोधी पर हमला करते हैं तो निसंदेह उनकी गलत जुबानी पार्टी पर भी महंगी पड़ जाएगी।
आगे पूरी प्रेस विज्ञप्ति इस प्रकार है।
जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि न्याय के साथ सरकार चलाना किसे कहते है ये बीजेपी वाले जदयू सरकार से सिखे। नीतीश कुमार ने अपने शासन काल में जो बिहार सरकार में कृतिमान स्थापित किया था, जो न्याय के विकास और सरकार चलाया था आज उसकी प्रतिमुर्ति मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी में साफ दिखती है। माननीय मुख्यमंत्री ने दवा घोटाले के मामले जो एक्शन लिया है वो काबिले तारीफ है। संजय सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में हुए दवा घोटाले की जांच रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) के प्रबंध निदेशक प्रवीण किशोर समेत परचेज कम तकनीकी कमेटी के सभी 10 सदस्यों को निलंबित कर दिया। सरकार ने विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव संजय कुमार के निलंबन की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजी दी है। बीजेपी के साथियों को बताना चाहता हूं कि सरकार इस मामले पर भी गम्भीर है कि जिन स्वास्थ्य मंत्रियों के कार्यकाल में ये घोटाले हुए है उनपर भी कार्यवाई होगी। हालांकि बीजेपी नेता सीबीआई जांच की इसलिए भी मांग कर रहे है क्योंकि केंद्र में इनकी सरकार है और ये जैसा चाहेंगे वैसी रिपोर्ट बनेगी। लेकिन भाजपा के साथियों का ये मंसुबा कभी सफल नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं जानता हूं कि बीजेपी के साथियों को किसी जांच एजेंसी पर विश्वास नहीं होता है। पहले जब किसी भी तरह की कोई घटना होती थी तो ये चिल्लाकर न्यायिक जांच की मांग करते थे जब सरकार न्यायिक जांच की मांग को मान लेती थी तो ये एक कदम आगे बढ जाते है। इन्हें न्याय से कुछ लेना देना नहीं होता है ये तो बस उससे अपनी राजनैतिक रोटी सेंकते है। मैं अपील करता हूं देश कि सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसी रॉ और सीबीआई से कि बीजेपी नेताओं को वो बिना परीक्षा और टेस्ट लिए अपने पास रख सकते हैं। इनकी काबिलियत ये है कि ये बिना जांच किए भी रिपोर्ट दे सकते है। इनको सच को झुठ और झुठ को सच करना बखुबी आता है, ये झुठा और मनगढंत आंकडा भी जुटाना जानते है। बीजेपी नेताओं को रॉ और सीबीआई में शामिल होते ही कभी जांच रिपोर्ट देने में देरी नहीं होगी क्योंकि ये तिरिया- चरितर में माहिर है। सिंह ने कहा कि कहा कि नीतीश कुमार के बदौलत सत्ता का स्वाद चखनेवाली भाजपा को शर्म भी नहीं आती है। विकास का काम किसे कहते है ये नीतीश कुमार ने ही सिखाया है आज नीतीश कुमार पर हमला करने वाले नेताओं से पुछना चाहता हूं कि बताएंॅ कि देश के किस राज्य में साईकिल योजना थी, गरीबों से सीधे संवाद स्थापित करने की हिम्मत किसने दिखाई थी, आज यदि बिहारियों को सम्मान की नजर से देखा जाता है तो वो नीतीश कुमार की देन है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सडक, रोजगार में जो कृतिमान नीतीश कुमार ने स्थापित किया है, उसका अनुशरण देश के अन्य राज्य भी कर रहे है।