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मुंगेर ने एक प्रखर व  जांबाज नेता खो दिया -जयप्रकाश 

लालमोहन महाराज, मुंगेरभा.रतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व जिला सचिव जुझारू नेता प्रखर वक्ता कुछ दिनों से बीमार चल रहे बिंदेश्वरी प्रसाद दीन का  मोगल बाजार स्थित पैतृक आवास पर निधन हो गया। दिवंगत

बिंदेश्वरी  प्रसाद  दीन एक सुलझे हुए सामाजिक एवँ राजनीतिक कार्यकर्ता थे।अपने सामाजिक व राजनीतिक जीवन में वे बहुत संघर्ष किये। मुंगेर के विकास में जितने भी आंदोलन हुए उसमें  बिंदेश्वरी  प्रसाद दीन  की अहम  भूमिका रही थी।

उनके आकस्मिक निधन से मुंगेर की  सामाजिक एवँ राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।

उनके आकस्मिक निधन पर जिला राष्ट्रीय जनता दल परिवार से जिला अध्यक्ष देवकीनंदन सिंह,मुंगेर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अविनाश कु विद्यार्थी उर्फ मुकेश यादव,प्रदेश महासचिव प्रमोद कु यादव,राजद के राज्यपरिषद सदस्य नरेश सिंह यादव,प्रदेश सचिव दिनेश यादव,

जिला उपाध्यक्ष संजय पासवान,प्रवक्ता मंटू शर्मा राजद नेता गजेन्द्र कु हिमांशु मो आविद हुसैन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर से प्रार्थना करते हैं मृत आत्मा को शांति प्रदान करें एवँ उच्च स्थान दें तथा शोकाकुशल परिवार को इस दुःखद पल को सहन करने की हिम्मत दे।वहीं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री आदरणीय जयप्रकाश नारायण यादव ने भी सीपीआई के पूर्व जिला सचिव  दिवंगत बिंदेश्वरी दीन  के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि स्व दीन  के निधन से मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है ।वह हमारे पुराने एवँ संघर्ष  के दिनों के साथी रहे  थे।उनके निधन से मुंगेर ने एक प्रखर एवँ जांबाज नेता जो हमेशा जमीन से जुड़े लोगों के लिए संघर्षरत रहते थे उनको खो दिया है। जिसका निकट भविष्य में भरपाई होना नामुमकिन है।

ऐसे दुःख की घड़ी में उनके परिजनों के प्रति भी सहानुभूति व्यक्त करता हूँ तथा भगवान से प्रार्थना करता हूं कि शोकाकुल स्वजनों को दुःख सहने की शक्ति दें।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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