पहला पन्ना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात को लेकर किया समीक्षा बैठक

निर्देश दिए की विशेष अभियान चलाकर सभी सरकारी भवनों पर यथाशीघ्र तड़ित चालक लगाया जाए

सभी जिलाधिकारी अपने जिले में विशेष निगरानी रखें

जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सचेत करें

जिन क्षेत्रों में संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना हो तत्काल इसकी जानकारी टी०वी०, सोशल मीडिया, एस०एम०एस०, मोबाइल एप्प, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए

टना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार में हो रही वज्रपात की घटनाओं पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गई।शुक्रवार को हुई इस समीक्षात्मक बैठक में वज्रपात के संभावित खतरों के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने एवं वज्रपात से होनेवाली मौत की घटनाओं में कमी लाने पर गहन विमर्श किया गया।

बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन विभाग संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार में पिछले 5 वर्षों की तुलना में इस वर्ष वज्रपात से होनेवाली मौत की घटनाओं में कमी देखी गई है। उन्होंने बताया कि जून 2020 में वज्रपात से बिहार में कुल 144 लोगों की मौत हुई थी, वहीं जून 2021 में यह संख्या 92 थी जबकि इस साल यह संख्या घटकर 74 हो गई है। जुलाई 2020 में वज्रपात से हुई मौत की कुल संख्या 158 थीं, जुलाई 2021 में बज्रपात से 70 व्यक्तियों की मौत हुई थी जबकि इस वर्ष अब तक जुलाई माह में कुल 39 लोगों की वज्रपात से मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लोगों के बीच संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना एवं उसके खतरों के प्रति लोगों को आगाह करने हेतु बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके मद्देनजर एडवाइजरी भी जारी की गई है कि वज्रपात के समय क्या करें और क्या न करें। एडवाइजरी के जरिए लोगों को सचेत किया जा रहा है कि संभावित वज्रपात के समय खुले मैदान में खड़ा ना रहें और किसी पेड़ के नीचे शरण न लें। ऐसी विपरीत परिस्थिति में आसपास के पक्के भवन में ही शरण लेना सुरक्षित रहेगा।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया किं वज्रपात के संबंध में लोगों के बीच जारी की गयी एडवाइजरी और राज्य में निचले स्तर तक बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के कारण वज्रपात से होने वाली मृत्यु की घटनाओं में बिहार में कमी आई है। इसके अलावा विभिन्न माध्यमों से संभावित वज्रपात की सूचनाएं भी ससमय लोगों तक इंद्रवज एप्प, रेडियो, मोबाइल, एस०एम०एस०, सोशल मीडिया, टेलीविजन जैसे अन्य विभिन्न माध्यमों से पहुंचाई जाती है। इस वर्ष अब तक वज्रपात की हुई घटनाओं से संबंधित जिलावार प्रतिवेदन की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 5 जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में वज्रपात से मृत्यु हुई है। इस वर्ष अब तक भागलपुर में वज्रपात से सबसे अधिक 13 लोगों की मौत हुई है जबकि गया में 10 लोगों की वज्रपात से मौत हुई है। वर्ष 2020 में वज्रपात से 459 लोगों की मौत हुई थी जो पिछले वर्ष 2021 में घटकर 280 रह गयी थी। इस वर्ष अब तक केवल 161 लोगों की मौत वज्रपात से हुई है।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी भवनों पर यथाशीघ्र तड़ित चालक लगाने के लिए विशेष अभियान चलायें। सभी सरकारी (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक) विद्यालय, पंचायत भवन, प्रखंड / अंचल / अनुमंडल कार्यालय, सहित अन्य सरकारी भवनों पर भी तड़ित चालक लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। निजी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में निचले स्तर तक व्यापक रूप से निरंतर जागरूकता अभियान चलाते रहें। सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में विशेष रूप से निगरानी रखें और अभियान चलाकर एहतियात के तौर पर लोगों को सचेत करें। जिन क्षेत्रों में संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना प्राप्त हो, उन इलाकों के लोगों को तत्काल इसकी जानकारी टी०वी०, सोशल मीडिया, एस०एम०एस०, मोबाइल, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए। साथ ही पंचायती राज प्रतिनिधियों को भी संभावित वज्रपात की चेतावनी एस०एम०एस० के माध्यम से ससमय देना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वज्रपात से हुई मौत पर मृतक के आश्रित को चार लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान देने का प्रावधान है, यह अनुग्रह अनुदान ससमय पीड़ित परिजनों को उपलब्ध कराएं। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाया जाए।जागरूकता अभियान में और अधिक तेजी लाकर निचले स्तर तक लोगों को जागरूक करें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी सह सदस्य बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मनीष कुमार वर्मा, सचिव आपदा प्रबंधन संजय कुमार अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button