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रवि किशन की फिल्म ‘कसम तिरंगा के’ 25 नवंबर से सिनेमाघरों में देगी दमदार दस्तक 

अमरनाथ, मुंबई।भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अब तक कई मुद्दों पर फिल्म का निर्माण किया गया है लेकिन अब बहुत जल्द एक ऐसी फिल्म दर्शको के बीच दस्तक देने वाली है जो देशभक्ति पर आधारित है और उस फिल्म का नाम है ‘कसम तिरंगा के’. यह फिल्म 25 नवम्बर को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है .यह फिल्म मल्टीस्टारर फिल्म है जिसमे भोजपुरी के महानायक और गोरखपुर के सांसद रवि किशन के साथ विराज भट्ट,अरविन्द अकेला कल्लू ,राकेश मिश्रा, समर सिंह , अवधेश मिश्रा, मनोज टाइगर ,साहिल खान ,चांदनी चोपड़ा, मुनमुम, चांदनी बर्णवाल सहित अन्य कई जाने माने भोजपुरी के कलाकार नजर आएँगे . फिल्म के सभी कलाकारों ने फिल्म में अपने बेहतरीन अभिनय का प्रदर्शन किया है .

फिल्म की निर्मात्री श्रीमती चंद्र किरण सिंह है जो इस फिल्म को लेकर बेहद उम्मीद रखती है क्योंकि उनके स्वर्गीय पति डॉ यु पी सिंह की इस फिल्म से जुडी काफी कुछ इच्छाएं रही है जो वे इस फिल्म के माध्यम से पूरा करना चाहती है . श्रीमती चंद्र किरण सिंह इस फिल्म को लेकर बताती है फिल्म “कसम तिरंगा के’ यह फिल्म दर्शको के मनोरंजन को ध्यान में रखकर बनायीं गई है जिसमे समाज के लिए सन्देश भी है . फिल्म में भोजपुरी जगत के कई दिग्गज कलाकार है जिन्होंने फिल्म में पूरी मेहनत की है . फिल्म की पूरी टीम ने बहुत दिल से फिल्म की शूटिंग की है .

आदिशक्ति एंटरटेनमेंट और टीम एंड मेकर्स एंटरटेनमेंट और स्वर्गीय डॉ. यु पी सिंह द्वारा कृत इस फिल्म के लेखक निर्देशक रवि भूषण है .फिल्म के सह-निर्माता है सूर्यभान यादव और मनोज मिश्रा वही फ़िल्मका संगीत ओम झा ने दिया है। गाने को लेखन प्यारेलाल यादव,श्याम देहाती टुन टुन यादव और रवि भूषण ने किया है। छायांकन रवि चन्दन और जहाँगीर सय्यद ने किया है। संकलन गोविन्द दुबे, मारधार दिलीप यादव और हीरा यादव, कोरिओग्राफर रामदेवन, कला महेंद्र सिंह विजय दास है।और पीआरओ संजय भूषण पटियाला है।

फिल्म 25 नवंबर से यूपी बिहार में रिलीज हो रही है जिसे फिल्म बितरक प्रांशुल मैजिक मूमेंट के प्रवीण सिन्हा रिलीज कर रहे है .

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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