वरिष्ठ रंग कर्मियों द्वारा नाट्य लेखक एवं निर्देशक अशोक तारा की पुस्तक “कमी पड़ गई बहुओं की” का मंडी हाउस में विमोचन

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राजू बोहरा / तेवर ऑनलाइन डॉट, ब्यूरो नयी दिल्ली, रंगमंच की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्थापित प्रकाशक संजना बुक्स ने अपने द्वारा प्रकाशित नाटक “कमी पड़ गई बहुओं की “का विमोचन पिछले दिनों श्रीराम सेंटर के परिसर में रंगकर्मियों के बीच किया जिसमें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यापक दिनेश खन्ना जी मुख्य अतिथि के रूप में थें। नाटक का पाठ रंगकर्मियों द्वारा किया गया। नाटयकार लेखक –निर्देशक अशोक तारा द्वारा रचित इस नाटक में कुल 18 दृश्य, 33 चरित्र और 9 केंद्रीय पात्र हैं।

लिंग भेद पर आधारित इस पूर्णकालिक नाटक का कैनवस ग्रामीण है। नाटक के चरित्र में विविधता और संवाद में सहजता के साथ नाटक में गति और रोचकता उत्तपन्न होती है। नाटक में घटती हुई स्त्री लिंग और उससे उत्तपन्न होने वाली भयावह भविष्य की चिंता की गई है। नाटक का शीर्षक ‘’कमी पड़ गई बहुओं की’’ बहुत ही आकर्षित करती है पाठक और निर्देशकों को। नाटक में तीन परिवार है। दो परिवार के बीच इश्क, अदावत और प्रतिस्पर्धा है तो तीसरा परिवार धनी और पुरुषों का पुरुषों से भरा परिवार है। जिन परिवार में लड़की है वहां लड़की गर्भपात हो रहा है और तीसरे परिवार में 5 में से एक लड़का की शादी होती है और शेष चार को संयुक्त रूप से एक किन्नर से शादी करनी पड़ती है और चारों उसी के साथ अपनी भावनाएं बांटते है और खुद को विवाहित मानते हैं।

नाटककार ने लिंग भेद, स्त्री गर्भपात के विषय के माध्यम से समाज पर सीधा और तीखा प्रहार किया है। समाज के सामने कई कटु प्रश्न छोड़ते हैं। प्रकाशक ने डिजाइन, फ़ॉन्ट और प्रस्तुतीकरण में अच्छा कार्य किया है। लेखक की प्रथक कृति है जो तारीफ योग्य है।

इन दिनों स्थापित प्रकाशक नए लेखक को मौका नहीं दे रहे है जिस कारण नवीन नाटकों की कमी हिंदी पट्टी में है। यह नाटक अपने अंदर मंचन करने की विशेषता को रखते है और मंच पर सफल होने की अच्छी संभावना है। विमोचन के मौके पर प्रकाशक संजना तिवारी, प्राध्यापक और रंगकर्मी बी के शर्मा, कैमरामेन अशोक पवार,पत्रकार कुमार वीर भूषण, लेखक अशोक तारा, अभिनेता विजय श्रीवास्तव, मनोज भट्ट, गिन्नी बब्बर, अशोक कुमार आदि अनेकों अभिनेता और नाट्य निर्देशक मौजूद थे।

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