लिटरेचर लव

लुबना (फिल्म स्क्रीप्ट,भाग-4)

              Scene -10

Character- धूसर, मनकु और सुखु

Ext/evening/ Shamshan

(पीछे लोग लाश को जला रहे हैं, मनकु के हाथ में कुछ कफन है। रुपये  गिनते हुये बढ़ा जा रहा है। सामने से सुखु आता है।)

                 सुखु

(धूसर के हाथों में पड़े नोटों को देखते हुये)…मांस तैयार हो रहा है….प्रसाद का इंतजार है….

                  धूसर

(सुखु के जैकेट को देखकर भड़कते हुये)….यह तेरे पास कैसे आया…चल निकाल ….

(अचानक धूसर को गुस्से में देखकर सुखु सिटपिटा जाता है, इसके पहले कि वह कुछ समझ पाता मनकु पूरे ताव में आकर उसके शरीर से जैकेट उतार लेता है और धूसर को देता है।)

                 धूसर

(जैकेट पहनते हुये, सुखु से)…तू यह कफन बेचकर आ..हमलोग प्रसाद लेकर पहुंचते है….

(मनकु की तरफ कफन लेने के लिए वह अपना हाथ बढ़ाता है)

                 मनकु

(थोड़ा हिचकते हुये कफन को मजबूती से पकड़ लेता है)…इसे मैं अभी बेच के आ जाता हूं…..

                   सुखु

(कफन खींचते हुये) मुझे दो…

(सुखु मनकु के हाथ से कफन छीनने की कोशिश करता है, छिना झपटी में कफन फट जाता है। आधा कफन इसके हाथ में और आधा कफन उसके हाथ में. दोनों एक दूसरे की तरफ उल्लू की तरह देखते हैं। )

                 धूसर

(गुस्से में) हरामी के जने, करा दिया ना चालिस रुपये का नुकसान….

(दोनों उल्लुओं की तरह उसकी तरफ देखते हैं)

अब देख क्या रहा है….चल…महाकाल को भी मनाना पड़ेगा…

                                   कट टू….

 गाना-1

(झोपड़ी के बाहर शंभू, धूसर, मनकु, सुखु, लुबना, रतिया, सरोज, उसके बच्चे सभी एक साथ मिलकर खा पी रहे हैं, और नाच गा रहे हैं। देसी शराब का नशा इन पर चढ़ता जा रहा है, और ये लोग नशे में पूरी तरह से मदहोश होते जा रहे हैं। रतिया तो पूरी तरह से मस्त है, और लुबना पर भी नशा और जवानी उफान मार रहा है। मनकु सिर्फ पीने पर जोर दे रहा है, जबकि सुखु पीने के साथ-साथ लुबना में सटने की कोशिश भी कर रहा है। महाकाल के प्रति समर्पित शंभू पूरे रंग में है…सही मायने में महाकाल उस पर हावी हो गया है। श्मसानी कुछ देर से इनके उत्तेजक डांस को देखता है। नाच की मस्ती में धूसर अपना जैकेट निकाल कर फेंक देता है और श्मसानी चुपके से जैकेट लेकर वहां से चल देता है। नोट- लोकल टच लिये हुये एक उम्दा गीत चाहिये…)

गीत-

मुखड़ा –

मुर्गा, मछली खाके

ताड़ी-दारू पीना है

सारी दुनिया ठेंगे पर

हमको तो बस पीना है

और जीना है, जीना है और पीना है

 कोरस-

पीना है और जीना है

जीना है और पीना है

 अंतरा 1

लुबना –

क्या दारू पीके चहक रहा है

हमरा जलवा छलक रहा है

हुसन का जादू बोलेगा

तू आगू-पीछू डोलेगा

 फेमेल कोरस –

डोलेगा रे, डोलेगा, डोलेगा रे, डोलेगा

 शंभु –

बच के रहना सांवर गोरी

छोरा बड़ा कमीना है

 मेल कोरस –

पीना है और जीना है

जीना है और पीना है

 अंतरा -2

धूसर –

पीले दारू महक उठेगी

मस्त जवानी चमक उठेगी

हीरो की हीरोइन डोलेगी

चोली के बंद भी खोलेगी

 मेल कोरस- खोलेगी रे खोलेगी, खोलेगी रे खोलेगी

 लुबना –अपना मुखरा देख जरा, क्यों चूने लगा पसीना है

 फेमेल- लुबना

घुर फिर जाओगे

दारु दोकनियां

गिर जाओगे नाले में

रोयेगी कनियां

धुसर-

रहियो संभल के

न टूटे नथनियां

चुम्मा रे चाटी में

नाचेगी दुनिया

शंभु-  दारू के सब मजा ले लिया रे

घंघरे वाली बुढ़िया

                                           Scene -11

Characters – शंभू और सुखु

Ext/Night/ out of hut.

(हाथ में शराब की बोतल लेकर बैठा हुआ है, सुखु उसके सामने है। दोनों पर नशा हावी है।)

                शंभू

(सहजता से) एक अमदी एक बार तीन भूत हमसे मांग के ले गया था…किसी पर उसको छोड़ना था….दो तो उसके वश में था, लेकिन एक को दूसरे पार्टी ने वश में कर लिया…..

                  सुखु

उ पार्टी भी जानता था वश में करना….??

                  शंभू

(थोड़ा रंग में आते हुये) जानता था !! उ भी खिलाड़ी था….पार्टी को बाप बाप करवा दिया…उ तो समय रहते दूनों भूत आकर मुझको बताया कि इ उसके वश में हो गया है….

                   सुखु

(थोड़ा गुस्सा से) साला बदमाश था…

                   शंभु

बदमाश के उपाय बदमाश ही है…उसको ठीक करने के लिए एक बदमाश भूत को भेजे……जाके गर्दन पकड़ा उसका…तब जाके रास्ता पर आया …और बताया कि उसको लोभ दिया था…

                सुखु

 (उत्सुकता से) क्या….

               शंभू

….कहा था कि उसके वश में चार भूत कर देगा…और पार्टी को मार दिया तो वो भी उसको मिल जाएगा….उ तो हमरो पर घात करने वाला था..

                 सुखु

बाप रे…..खतरनाक बात है……

                शंभू

(विजेता वाले अंदाज में)बहुत खेल है इसमें….असान बात है भूत को वश में रखना….?

                                                                                                                 कट टू….

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