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विश्व योग और संगीत दिवस पर, योग और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भावी आयोजन

पटना| यूथ होस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ,बिहार राज्य शाखा एवं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व- विद्यालय ,एम्स रोड,फुलवारी शरीफ,पटना के संयुक्त तत्वावधान में विश्व योग और संगीत दिवस का संयुक्त आयोजन ,एस टी एंड एस सी रेलवे यूनियन कार्यालय परिसर,खगौल में किया गया। इस मौके पर यूथ होस्टल्स एसोसिएशन,बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मोहन कुमार,एवं उपाध्यक्ष सुधीर मधुकर ने , देव आर्ट एंड म्यूजिक स्कूल मौर्य विहार के निदेशक देव कुमार लाल एवं गोल्डन मार्शल आर्ट एकेडमी के फाउंडर विजय लाल यादव ,प्रजापिता ब्रह्माकुमारी की संचालिका बी के मीरा बहन एवं बशिष्ठ कुमार,रेलवे एस टी एंड एस सी के अनिल कुमार एवं राजेन्द्र राम को आयोजन में सहयोग करने के साथ साथ योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पौधा दे कर सम्मानित किए |
श्री मोहन कुमार और श्री सुधीर मधुकर ने अपने-अपने सम्बोधन में कहा कि कोरोना ने हमें शारीरिक ,मानसिक,आर्थिक आदि रूप से ही नुकशान नहीं पहुंचाया है,बल्कि सब से बड़ी बात है कि,मानवीय रिश्तों को प्रभावित किया है | इसी को लेकर इस वर्ष योग दिवस का थीम “मानवता के लिए योग “ रखा गया है | इस लिए हमें मानवीय मूल्यों के बीच संतुलन बना कर रखा सब से जरूरी है | प्रजापिता ब्रह्माकुमारी कि मीरा बहन ने योग के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ जीवन में योग के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला | कार्यक्रम में सहयोग के रूप में यूथ होस्टल्स एसोसिएशन के संगीता सिन्हा,चंदू प्रिंस,अशोक नागबंशी , अनीता के अलावा रंजीत प्रसाद सिन्हा आदि शामिल थे | सब से पहले गोल्डन मार्शल आर्ट अकादमी की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इंद्र दीपारॉय, प्रीति कुमारी ,नेहा कुमारी ,अंकेषा कुमारी ने सूर्य नमस्कार के द्वारा योग आराम किया और साथ में ताड़ासन ,चक्रासन, पद्मासन, अनुलोम विलोम, कपालभाति, वृक्षासन, और ओम उच्चारण के साथ समापन किया गया |
वहीं दूसरी ओर विश्व संगीत दिवस को यादगार बनाने के लिए देव आर्ट एंड म्यूजिक स्कूल के निदेशक देव कुमार लाल के साथ अदिति सिंह, ख्याति एवं मिली कुमारी ने शास्त्रीय संगीत, प्रियांशु रंजन, चैतन्य एवं शेखर ने तबला और हारमोनियम के साथ जुगलबंदी तथा वंदिता शर्मा एवं श्यामा रंजन आदि ने भजन की प्रस्तुतियों से सब का मन मोह लिया |

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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