पहला पन्ना

सूरज सम्राट – यामिनी सिंह अभिनीत भोजपुरी फिल्म “महावीरा” का मुहूर्त सम्पन्न

शिवांश फिल्म्स् एंटरटेनमेंट कृत भोजपुरी फिल्म “महावीरा” का भव्य मुहूरत हाल ही में व्यंजन हॉल (ओशिवारा, अंधेरी पश्चिम, मुंबई) में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर जमशेदपुर के इंडस्ट्रियलिस्ट अभय सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सूरज राजपूत के निर्देशन में बननेवाली इस एक्शन थ्रिलर फिल्म में शीर्षक भूमिका सूरज सम्राट निभायेंगे और उनकी नायिका यामिनी सिंह होंगी।

मुख्य खलनायक सुशील सिंह एवं संजय पांडेय होंगे। इनके साथ अयाज खान, उमेश सिंह तथा बालेश्वर सिंह भी महत्वपूर्ण नकारात्मक भूमिकाओं में दीखेंगे। “महावीरा” में के.के.गोस्वामी और बेबी एंजल भी नज़र आयेंगे। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे जिनमें निर्देशक अशोक घायल, अभिनेत्री पुष्पा शुक्ला और ‘हमार भोजपुरिया’ चैनल के आलोक श्रीवास्तव के नाम उल्लेखनीय हैं।

सुदर्शन साथी की कथा पर रामचन्द्र सिंह ने पटकथा संवाद लिखे हैं। रामचन्द्र सुलझे विचार रखते हैं और यह उनके लेखन में स्पष्ट परिलक्षित होता है। उम्मीद बंधी है कि “महावीरा” एक उद्देश्यपूर्ण भोजपुरी फिल्म होगी। रामचन्द्र ने अभिनेता सूरज के लिए आधी दर्जन फिल्में लिख चुके हैं। “अर्द्धांगिनी” की सफलता के पश्चात् निर्देशक सूरज राजपूत, नायक सूरज सम्राट और लेखक रामचन्द्र सिंह वाली तिगड़ी की यह दूसरी फिल्म होगी। दोनों सूरज साथ साथ तीसरी बार काम कर रहे हैं – ‘अर्द्धांगिनी’, ‘दुल्हन मैं तेरी सजाऊँगी’ और अब ‘महावीरा’।

“महावीरा” की शूटिंग नवम्बर में लखनऊ में होगी। थियेटर में प्रदर्शित होने की उम्मीद अगले साल मार्च तक है। फिल्म के सह – निर्माता शुकदेव चौधरी व सुधीर कुमार, कार्यकारी निर्माता संजय कुमार हैं। गीत प्यारेलाल यादव, राजेश मिश्रा, अरविन्द तिवारी व रामचन्द्र सिंह के और संगीतकार अमन श्लोक एवं एस. कुमार हैं। नृत्य निर्देशन ज्ञान सिंह, एक्शन प्रदीप खड़का, आर्ट सिकंदर विश्वकर्मा, एडिटर दीपक जउल और सिनेमैटोग्राफी त्रिलोकी चौधरी की होगी।

“महावीरा” के प्रचारक समरजीत, रामचन्द्र यादव और युद्धिष्ठिर महतो हैं जबकि प्रकाशक सम्पादक संजय कुमार विशेष सहयोगी तथा मीडिया पार्टनर हैं।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button