सोनभद्र सूचना विभाग का फर्जीवाड़ा
शिव दास.
जिला सूचना विभाग, सोनभद्र जनपद में कार्यरत पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के बारे में अधिकारियों और जनता को भ्रामक जानकारी मुहैया करा रहा है। इसके पीछे जिला सूचना विभाग में नियुक्त उर्दू अनुवादक सह लिपिक नेसार अहमद और प्रभारी जिला सूचना अधिकारी मनीलाल यादव की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। दोनों ही व्यक्ति
कानूनी रूप से जिला सूचना केंद्र को पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों के
बारे में लिखित सूचना उपलब्ध कराते हैं। इसके आधार पर जिला सूचना अधिकारी
जिले की वेबसाइट पर इसे प्रकाशित करता है।
http://sonbhadra.nic.in/press1.htm पर प्रकाशित जानकारी के मुताबिक
हिंदी न्यूज पेपर/मैगजीन सूची में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ का नाम
राकेश पांडेय प्रकाशित है जबकि वर्तमान में कमलेश सिंह दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ हैं और कई महीनों पहले राकेश पांडेय का स्थानांतरण जनपद के बाहर हो चुका है। वहीं पत्रकारों की सूची में अमर उजाला के विज्ञापन प्रभारी के.के पांडेय और स्वतंत्र भारत के मार्केटिंग इंचार्ज राकेश सिंह का नाम शामिल है। हालांकि अन्य अखबारों के विज्ञापन से संबंधित
कर्मचारियों का विवरण इस सूची में दर्ज नहीं किया गया है।
राज्य सरकार से स्वतंत्र पत्रकार के रूप में मान्यता प्राप्त विजय शंकर
चतुर्वेदी का नाम प्रतिष्ठित दैनिक समाचार-पत्र ‘जनसत्ता’ के ब्यूरो चीफ
विशेष संवाददाता, अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के करस्पांडेन्ट और
हिंदी मासिक पत्रिका ‘कैमूर टाइम्स’ के संपादक के रूप में प्रकाशित किया
गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों को मान्यता
निर्गत करने हेतु जारी मार्गनिर्देशिका-2008 के अनुसार स्वतंत्र पत्रकार
के रूप में मान्यता प्राप्त व्यक्ति किसी मीडिया संस्थान का कर्मचारी
अथवा प्रतिनिधि नहीं होना चाहिए। इनके अलावा हिंदी दैनिक ‘जनमोर्चा’ के जिला संवाददाता के रूप में विवेक कुमार पांडेय का नाम दर्ज है जो हिंदी
दैनिक ‘सन्मार्ग’ के जिला संवाददाता भी हैं। सवाल यह भी है कि एक ही
व्यक्ति एक साथ दो अखबारों का जिला संवाददाता कैसे हो सकता है। उपरोक्त उदाहरणों से समझा जा सकता है कि जिला सूचना विभाग, सोनभद्र में कार्यरत
कर्मचारी और अधिकारी किस तरह कुछ विशेष व्यक्तियों के हित में सरकारी दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिला सूचना अधिकारी, सोनभद्र को पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की जानकारी जिला सूचना केंद्र को प्रेषित करने से पहले इन सभी पत्रकारों का वेरिफिकेशन संबंधित मीडिया हाउस के संपादक से लिखित रूप में प्राप्त करनी चाहिए थी। हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया।