“किसान विकास पत्र” योजना को बंद करने का फैसला: अन्य सरकारी निवेश योजनायें हुईं आकर्षक

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Tewaronline reports: Mangalore

इंडिया पोस्ट की अति- लोकप्रिय लघु बचत योजना “किसान विकास पत्र ” को बंद करने का फैसला लिया गया है.ग्रामीण और छोटे शहरों के निवेशको में खासी लोकप्रिय इस योजना को बंद करने का फैसला छोटे निवेशकों पर क्या असर डालेगा ये देखने वाली बात होगी.
सरकारी बैंको को छोड़ दें तो, कोई भी विदेशी या निजी क्षेत्र के बैंक और वित्तिय संस्थान ग्रामीण और पिछड़े जगहों पर अपनी सुविधा देने से बचना चाहते हैं.इस नजरिये से सरकार का ये फैसला जल्दबाजी में लिया गया भी कहा जा सकता है. सरकार ने ये फैसला,संभवतः अन्य आधुनिक निवेश योजनाओं मसलन म्युचुअल फंड इत्यादि को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए लिया है.
ज्ञात हो कि के.वी. पी. के अंतर्गत निवेशक को कम से कम समय में(लगभग साढ़े आठ साल) अपनी पूंजी को दुगना करने कि सुविधा थी.

वैसे सरकार ने अन्य सरकारी निवेशों से सम्बंधित जो और महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं वो इस प्रकार हैं.

(1)पोस्ट ऑफिस की सामान्य बचत योजना(Post Office Savings Account) की ब्याज दर को 3.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 4.00 प्रतिशत कर दिया है.

(2).पी.पी.ऍफ़. की ब्याज दर 8.6 % कर कर दी गयी, जो पहले मात्र 8.00 % थी.

(3).निवेशकों के लिए एक और खुशखबरी ये है की पी.पी.ऍफ़.(Public Provident Fund) में निवेश की सीमा सालाना 1.00 लाख रुपये कर दी गयी है.पहले ये सीमा मात्र 70,000/- रुपये थी.

(4). मासिक आय योजना(Monthly savings Scheme) और राष्ट्रीय बचत योजना (एन.एस.सी)(National Savings Scheme) की पूरण अवधि(Maturity Value) 6 साल से घटा कर 5 साल कर दी गयी है.

(5).इन दो योजनाओं पर ब्याज की दर भी बढ़ा दी गयी है. जहाँ मासिक आय योजना पर अब 8.2 % ब्याज मिलेगा वाही N.S.C. पर 8.4 %.

सरकार ने वैसे के.वी.पी. को बंद करने का फैसला लिया है,पर निवेशकों के लिए और दूसरी सरकारी निवेश योजनाओं को और भी आकर्षक बनाने का प्रयास किया है. पर बढती महंगाई के मद्देनजर, सरकार के ये लिए गए ये फैसले जनसाधारण को कितना आकर्षित करते हैं ये देखने वाली बात होगी.

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