मुलायम की चिंता और भ्रष्ट नौकरशाही
अनुराग मिश्र //
पिछले कुछ दिनों से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तल्ख़ टिप्पणी लगातार सुनने को मिल रही है। कभी वे पार्टी के बैठक में तो कभी खुले मंच से मुख्यमंत्री अखिलेश को लगातार ये नसीहत दे रहे हैं कि प्रशासनिक व्यवस्था में काफी गड़बड़ी है जिसमें सुधार की आवश्यकता है। दरअसल सपा प्रमुख एक ही प्रशासनिक अधिकारी को कई विभाग दिये जाने से नाराज बताये जा रहें हैं इसके अतिरिक्त सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सपा प्रमुख पंचम तल के भी कुछ अधिकारियों की कार्यप्रणाली से काफी ज्यादा नाराज हैं। ऐसी स्थिति में आने वाले कुछ ही दिनों में राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में भारी फेरबदल हो तो उसमें कोई अत्योश्योक्ति नहीं होगी। स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश ने भी सार्वजानिक रूप से ये स्वीकार किया है कि जल्दी ही प्रशासनिक व्यवस्था में काफी बड़ा बदलाव किया जायेगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस बदलाव सबसे ज्यादा निशाने पे वे अधिकारी रहेंगे जो पूर्वर्ती माया सरकार में मलाईदार पद पर थे और इस सरकार में भी जोड़ तोड़ की राजनीति से मलाईदार पद पर बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त सत्ता के केंद्र पंचम तल के अधिकारियों के भी कुछ नाम हैं जो सरकार के निशाने पर आ सकते हैं।
पर यहाँ जो अहम् सवाल है वो ये है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों आ पड़ी कि स्वयं सपा प्रमुख को सार्वजानिक रूप से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर तल्ख़ टिप्पणी करनी पड़ी और युवा मुख्यमंत्री को निर्देशित करना पड़ा कि वो बड़े स्तर पर फेरबदल करें ? वास्तव में ये भ्रष्ट नौकरशाही बनाम भ्रष्ट राजनीति की अघोषित जंग का नतीजा है जिसमें सत्ता में बैठे कुछ अधिकारी पूरी सत्ता को ही अपने इशारों पर नचाने लगते हैं और पहली बार मुख्यमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति नौकरशाही के इस खेल को नहीं समझ पता। ऐसा ही कुछ हमारे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हो रहा है जिनकी राजनैतिक अपरिपक्वता का फ़ायदा उठाते हुए कुछ लोग उनकी आँखों के सामने एक ऐसे प्रदेश की तस्वीर पेश कर रहे है जहाँ सब कुछ अपनी जगह पे सही है। भ्रष्ट नौकरशाही के इस खेल को वही समझ सकता है जो राजनैतिक रूप से पूरी तरह परिपक्व हो और इस लिहाज से सपा प्रमुख पूरी तरह से फिट हैं। उन्हें इस खेल का हर दावं पेंच मालूम है इसीलिए बेटे की सत्ता पर लगातार ढीली होती पकड़ के चलते उन्हें बार बार अखिलेश को चेताना पड़ रहा है कि बस बहुत हो चुका अब संभल जाओं वर्ना सब कुछ तुम्हारे हाथ से निकल जायेगा, पर युवा मुख्यमंत्री के कानो में बार बार की चेतावनी के बाद भी कोई जूं नहीं रेग रही वो सत्ता के मद कुछ इस तरह अंधे हो चुके हैं कि उनको वही सही लग रहा है जो उनके आस पास बैठे कुछ भष्ट अधिकारी उन्हें बता रहे हैं।
हालांकि सपा प्रमुख की नाराजगी का एक कारण ये भी है कि उन्हें अब लोकसभा चुनाव 2014 हाथ से जाता दिख रहा है। लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है लगभग एक साल के अन्दर ही चुनाव होने हैं लेकिन अभी तक सरकार के खातें में कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं जुडी है जिसे सपा 2014 के लोकसभा चुनाव में भूना सकें। बेलगाम नौकशाही का आलम ये है कि युवा मुख्यमंत्री लगातार प्रदेश के विकास से जुडी घोषणायें करते जा रहे हैं पर उन घोषनाओं को जमीनी रूप देने में नौकरशाह बिलकुल भी रूचि नहीं दिखा रहें है। मुख्यमंत्री की अभी तक की ज्यादतर घोषणा सिर्फ हवाई पुलिंदा बनकर रह गयी जो कब पूरी होगी इसके बारें में किसी को भी नहीं पता। इसके अतिरिक्त जिले से लेकर मुख्यमंत्री कार्यलय में बैठे अधिकारी सपा कार्यकर्ताओ की बातों को नहीं सुन रहे हैं जिसकी सूचना सपा प्रमुख को लगातार मिल रही है, यही वो कारण है कि अब सपा प्रमुख राज्य की नौकरशाही में बड़ा फेरबदल चाहते हैं। पर उनकी ये चाहत कितना रंग लाएगी ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।
अनुराग मिश्र
स्वतंत्र पत्रकार
लखनऊ
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