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सार्थक प्रयास संस्था का आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा देने और समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का शानदार प्रयास
राजू बोहरा
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नयी दिल्ली : परिस्थितियों से लड़कर आगे बढ़ने का जज्बा रखें। हौसला ही आगे बढने की ताकत देता है। हिम्मत हारने वालों का कोई साथ नहीं देता। यह बात रविवार को सुपरिचित पर्वतारोही पद्मश्री लवराज धर्मसत्तु ने उन बच्चों से कही जो अभावों में जीकर भी आगे बढ़ रहे हैं। मौका था बच्चों की शिक्षा के लिये काम करने वाली संस्था सार्थक प्रयास के 8वें स्थापना दिवस पर राजेंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम का। सार्थक प्रयास के अध्यक्ष उमेश पंत ने बताया कि इस मौके पर स्मारिका ‘दृष्टि’ का लोकार्पण किया गया और उत्तराखंड के चौखुटिया एवं दिल्ली-एनसीआर वसुंधरा से आये बच्चों ने लोकगीत पेश किये। इसके अलावा रवींद्र नाथ टैगोर के नाटक डाकघर का भी मंचन किया गया। इस मौके पर उत्तराखंड के जाने-माने इतिहासकार डा शेर सिंह पांगती, रचनाधर्मी बी मोहन नेगी, संस्था से सहायता प्राप्त उभरता क्रिकेटर हिमांशु किरौला एवं देश की उभरती फुटबॉल खिलाड़ी नताशा नेगी को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सार्थक प्रयास आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की शिक्षा और उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिये काम करता है।
संस्था ने बच्चों को दिल्ली का भ्रमण भी कराया। इनमें आकाशवाणी का भ्रमण विशेष तौर पर यादगार रहा, जहां से उन्हें रेडियो प्रसारण की जानकारी मिली। श्री पंत ने बताया कि उनका संगठन सार्थक प्रयास दिल्ली-एनसीआर के निर्माण मजदूरों एवं पहाड़ के आपदा पीड़ित बच्चों के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अनेक लोगों की मदद से इस वक्त दो जगह पुस्तकालय भी स्थापित किये गये हैं और कई बच्चे आज कॅरिअर के मुकाम पर पहुंच चुके हैं। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्वी दिल्ली की महापौर नीमा भगत के अलावा अनेक बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।