…और तब सन्न रह गया था आतंकी इम्तियाज
विनायक विजेता, वरिष्ठ पत्रकार।
एक ही तरह के दो बैग होने के कारण हुई गिरफ्तारी,
स्टेशन के पास भीड़-भाड़ वाले इलाके में बम प्लांट की थी योजना,
तहसीन भी एक अन्य आतंकी हैदर अली के साथ पटना में था मौजूद।
“सर, जैसे ही बगल के शौचालय में ब्लास्ट हुआ मैं सन्न रह गया क्योंकि मैं जानता था मेरे बगल वाले शौचालय में ताहिर टाईमर बम में बैटरी लगाने घुसा है। उस वक्त मैं दूसरे शौचालय में अपना काम पूरा कर रहा था। इसी बीच गलती से ताहिर के बम में विस्फोट हो गया”।
यह सनसनीखेज खुलासा किया है आतंकी इम्तियाज ने जिसे 27 अक्टूबर को पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या दस के पास स्थित शौचालय के पास से गिरफ्तार किया गया था। इम्तियाज वहीं से फरार होने में सफल हो जाता पर बम विस्फोट में घायल आतंकी ताहिर के पास जिस तरह और जिस रंग का कैरी बैग था ठीक वैसा ही एक बैग इम्तियाज के पास भी था, जिसपर आशंका के बाद जीआरपी के एक सिपाही ने दौड़कर इम्तियाज को गिरफ्तार कर लिया। अगर इम्तियाज की गिरफ्तारी नहीं होती तो सीरियल धमाकों का राज राज ही रह जाता क्योंकि बम धमाके में घायल एक अन्य आतंकी ताहिर की स्थिति इतनी नाजुक है कि पुलिस या जांच एजेंसी उससे पूछताछ नहीं कर सकती। इम्त्यिाज के बयान के बाद ही रांची में छापेमारी हुई और इस सीरियल ब्लास्ट में इंडियन मुजाहिदीन का दस लाख के इनामी आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ मेमन की संलिप्तता की बात सामने आई।
सूत्रों के अनुसार तहसीन ने अपने छह साथियों को तीन-बम और चार-चार बैट्रियां दी थीं। सभी को एक बैट्री एकस्ट्रा दिया गया था। इसके अलावा पटना आए सभी आतंकियों को राह खर्च के रुप में पांच-पांच हजार रुपए दिए गए थे। सूत्रों के अनुसार सभी को पटना भेजने के बाद तहसीन उर्फ मोनू अपने एक अन्य आतंकी साथी हैदर अली के साथ पटना आया था। आशंका जतायी जा रही है कि गांधी मैदान में जितने भी बम प्लांट हुए उसे प्लांट करते समय तहसीन और हैदर अली भी गांधी मैदान में मौजूद था।
मूल रुप से रांची का रहने वाला हैदर अली का ननिहाल पटना जिला के ही किसी गांव में है। सूत्र बताते हैं कि तहसीन धमाके के दिन शाम तक पटना में रहा और इम्तियाज की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही वह पटना से निकल गया। इम्तियाज ने यह भी खुलासा किया है कि उसे और ताहिर को पटना जंक्शन और इसके बाहर भीड़ वाले इलाके में छह बम प्लांट करने का टास्क सौंपा गया था। बम को प्लांट करने के पूर्व ताहिर और वह कम भीड़-भाड़ वाले पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या-10 स्थित शौचालय के अलग-अलग शौचालयों में टाईमर में बैट्री लगाने घुसे थे जिसके बाद बमों को विभिन्न जगहों पर प्लांट किया जाना था पर ताहिर के बम में अचानक विस्फोट से उनका मंसूबा पूरा नहीं हो पाया। इम्तियाज ने यह भी बताया कि तहसीन उर्फ मोनू ने किसी को भी अपने पास मोबाइल न रखने की शख्त हिदायत दी थी और जरुरत पड़ने पर टेलीफोन बूथ से बात करने को कहा गया था, जिसके लिए उन्हें कागजों पर कई नंबर लिखकर दिए गए थे। सीरियल ब्लास्ट मामले में शामिल इम्तियाज की तस्वीर हालांकि पुलिस ने अभी सार्वजनिक नहीं की हैं पर उसकी गिरफ्तारी के बाद ली गई उसकी एक तस्वीर मुझे प्राप्त हुई है।