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किरण राव ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल की जूरी में शामिल हुई

अमरनाथ, मुंबई। बॉलीवुड के प्रतिभाशाली निर्देशकों में से एक, किरण राव अब ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल (ALT EFF) 2022 जूरी के रूप पैनल में शामिल हो गई हैं। किरण हमेशा पर्यावरण से संबंधित मुद्दों के बारे में काफी मुखर रही हैं और अपने सहज ज्ञान युक्त सिनेमा के माध्यम से एक राय निर्माता के रूप में जानी जाती हैं। पानी फाउंडेशन के सह-संस्थापक, जो महाराष्ट्र राज्य में सूखे की रोकथाम और वाटरशेड प्रबंधन के क्षेत्र में सक्रिय है, किरण पर्यावरण को प्रभावित करने वाले मुद्दों के प्रति काफी संवेदनशील है और हमेशा संरक्षण, पर्यावरण और प्रकृति से संबंधित कारणों के लिए खड़ी रही है और एक सक्रिय आवाज़ रही है। पर्यावरण उद्यमी कुणाल खन्ना द्वारा परिकल्पित ALT EFF का हिस्सा बनने के लिए उनके लिए एकदम सही तालमेल का यही कारण था।

जूरी का हिस्सा बनने पर किरण कहती हैं, ”ऑल लिविंग थिंग्स एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल की जूरी का हिस्सा बनने पर मैंने बहुत अच्छा समय बिताया। फेस्टिवल हमेशा पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाने में सक्रिय रहा है, और मुझे इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किए जाने पर बहुत खुशी हो रही है। इस वर्ष की अवधि में कुछ वाकई उत्कृष्ट फिल्में हैं जो दुनिया भर से विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय मुद्दों को प्रदर्शित करती हैं। ALT EFF एक अत्यावश्यक पहल है, और इस बात का एक अच्छा उदाहरण है कि सिनेमा हमारे दृष्टिकोण और आदतों को कैसे बदल सकता है, और हमारी प्राकृतिक दुनिया को संरक्षित करने में हमारी मदद कर सकता है। मुझे उम्मीद है कि लोग इसके हिस्सा लेंगे और इन फिल्मों को देखें, वास्तव में यह समझने के लिए कि हम कैसे एक ग्रह हैं और सारा जीवन आपस में जुड़ा हुआ है।”

ALT EFF भारत के एकमात्र फिल्म समारोहों में से एक है जो स्थिरता, प्रकृति और पर्यावरण पर केंद्रित है। इस साल यह महोत्सव 17-27 नवंबर तक चलेगा और इसमें 55 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। एक आभासी प्रारूप में 2020 में शुरू हुआ, इस वर्ष यह फेस्टिवल एक हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जाएगा, जिसमें आभासी और साथ ही सीमित भौतिक स्क्रीनिंग होगी। फेस्टिवल को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए, फेस्टिवल के संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाने में मदद करने के लिए, फेस्टिवल के वर्चुअली दर्शकों के लिए बिना किसी शुल्क के पेश किया जा रहा है।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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