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जनविश्वास महारैली में दीपंकर भट्टाचार्य का एलान – संविधान-लोकतंत्र व देश बचाने का नारा है, भावी इतिहास हमारा है

पटना। इतिहास की धारा मोड़ने और एक नया इतिहास बनाने के लिए गांधी मैदान में उमड़े इस विशाल जनसमूह को सबसे पहले जय भीम-लाल सलाम!

50 साल पहले इसी गांधी मैदान से ‘भावी इतिहास हमारा है’ के नारे को हमने बुलंद किया था. आज एक बार फिर कहने आए हैं – संविधान-लोकतंत्र व देश बचाने का नारा है, भावी इतिहास हमारा है; पटना-दिल्ली की सरकारों से कहने आए हैं – सिंहासन खाली करो, जनता आने लगी है. बिहार की जनता लड़ेगी, तानाशाही हारेगी.

पिछले 10 साल से भाजपा पूरे हिदुस्तान को तबाह व बर्बाद कर रही है. उसके नाम में तो जनता है, लेकिन जनता से कोई लेना-देना नहीं है. सत्ता का लालच और अहंकार उसके रग-रग में है. और काम है बुलडोजर से लोकतंत्र, विपक्ष, जनता और उनके सारे हक-अधिकार व अर्थव्यवस्था को रौंद देना. हमारा तो कहना है कि भाजपा को अपना चुनाव चिन्ह कमल की जगह बुलडोजर रख लेना चाहिए. हम आज इस मैदान से ऐलान करने आए हैं कि इस देश में बुलडोजर राज नहीं अब नहीं चलेगा.

दिल्ली की सीमा पर एमएसपी की मांग को लेकर किसान आना चाहते हैं. लेकिन अंबानी-अडानी के आगे कालीन बनकर बीछने वाली सरकार किसानों के लिए बैरिकेड लगा रही है और गोली चलाकर किसानों को शहीद कर रही है.

विश्वगुरू बनने की बात हो रही है. गजा के बच्चों के लिए तो एक शब्द नहीं निकला, लेकिन देश के पढ़े-लिखे नौजवानों को जिन्हें देश में ही नौकरी मिलनी चाहिए, उनकी जिंदगी जोखिम में डालकर सरकार इजरायल भेज रही है.

8 मार्च का दिन आने वाला है. महिला सशक्तीकरण की बड़ी-बड़ी बातें होंगी. लेकिन हमने कभी नहीं देखा कि कोई पार्टी बलात्कारियों को संरक्षण व सम्मानित करने का काम करे. बिलिकस बानो हो या मणिपुर की महिलाओं का सवाल, भाजपा ने बलात्कारियों को संरक्षण देने का ही काम किया है.

2024 का चुनाव आर-पार की लड़ाई है. यदि बिहार में 40 सीटों पर हम झंडा गाड़ दें तो निश्चित रूप से दिल्ली से मोदी सरकार का सफाया तय है.

बिहार में एक एजेंडा बन रहा था. 2020 के चुनाव में जब हमने कहा था कि बिहार के युवाओं को पक्की नौकरी मिलेगी तो उस समय नीतीश जी मजाक उड़ा रहे थे. लेकिन हम लोगों को जब मौका मिला, बिहार में जाति गणना, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण, आरक्षण का विस्तार और पक्की नौकरी दी गई. नीतीश जी 20 साल से विकास-विकास की रट लगा रखे हैं, लेकिन जाति गणना ने बतलाया कि किस कदर चिराग तले गहरा अंधेरा है. दो तिहाई लोग भयानक गरीबी में जी रहे हैं. नीतीश जी ने कहा था कि 1 लाख गरीब परिवारों को प्रत्येक साल 2 लाख रु. देंगे. अब वे उधर चले गए हैं, लेकिन एक-एक पैसा का हिसाब लेना है. आय प्रमाण पत्र मांगकर पैसा नहीं देने की साजिश की जा रही है. इसे हमें रोकना होगा.

बिहार बदलने लगा था. लाल व हरे झंडे की एकता व दावेदारी से ही देश बदलेगा और लोकतंत्र व संविधान सुरिक्षत रहेगा. इसी रास्ते को रोकने के लिए नीतीश जी को उधर ले जाया गया.

ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स आदि का राजनीतिक इस्तेमाल तो हो ही रहा था, इस बार भारत रत्न सम्मान का भी इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थ साधने में किया गया. एमएसपी की लड़ाई लड़ने वाले स्वामीनाथन जी को भारत रत्न दे दिया गया लेकिन किसान आंदोलन का दमन हो रहा है. आरक्षण व शिक्षा का विस्तार करने वाले कर्पूरी जी के सम्मान की आड़ में विधायकों को तोड़ा – खरीदा जा रहा है और जिन विधायकों के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता उन्हें मनोज मंजिल की तरह झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल में डाला जा रहा है.

इसलिए पूरा संघर्ष चाहिए. हमें विश्वास है कि यह जो आज का नजारा है, पूरे देश की तस्वीर बदलेगी. बिहार से बात चली थी, वह दूर तलक जाएगी. किसी एक नेता के इधर-उधर चले जाने या सरकार गिरा देने से काई फर्क नहीं पड़ता. बिहार की जनता लड़ेगी -तानाशाही हारेगी.

तमाम कठिनाइयों और बारिश झेलते हुए का. जगदीश मास्टर, रामनरेश राम, बूटन मुसहर के लाल झंडे और कर्पूरी जी के हरे झंडे की यह एकता निश्चित रूप से बिहार व देश की तस्वीर बदल देगी.

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editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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