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पटना में चार दिवसीयड्रोन शो करने जा रही है भाजपा

मोदी सरकार के 10 साल का दिखेगा विकास

पटना। उत्तर प्रदेश के बनारस के बाद भाजपा बिहार में अब इस चुनाव प्रचार में ड्रोन को उतारने जा रही है। इसी के मद्देनजर पटना के मरीन ड्राइव पर चार दिवसीय ड्रोन शो की शुरुआत गुरुवार की शाम को होगी। डिजिटल तंत्र को अब प्रचार में जोड़ा है। पहला ड्रोन शो बनारस में हुआ था, उसके बाद यह पटना में हो रहा है।

मीडिया सेंटर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार के मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि चुनाव प्रचार में भाजपा ने एक नई चीज को जोड़ा है। इसके तहत पटना मरीन ड्राइव पर लोग चार दिनो तक ड्रोन शो देख सकेंगे। इस ड्रोन शो के जरिए लोग मोदी सरकार के 10 साल में किए गए विकासकार्यों को परिलक्षित करेगा तथा बिहार में विकास की बढ़ती रफ्तार को देख सकेंगे। बिहार की संस्कृति से भी रूबरू होंगे। देश ने मोदी जी कार्यकाल में जो विकास के नए आयाम जोड़े है वह भी लोग देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि बिहार के लिए यह एक अनोखा शो होगा। युवाओं के लिए यह खासकर आकर्षक होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना युवाओं को डिजिटल से जोड़ने की रही है। इसी के तहत यह शो होगा।
नवीन ने कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा 10 साल बेमिसाल की ही एक कड़ी है। यह शो प्रतिदिन शाम 6.30 से एक घंटे तक चलेगा। गुरुवार को शो के शुभारंभ के मौके पर दीघा के विधायक संजीव चौरसिया जी उपस्थित रहेंगे।
ड्रोन शो आसमान से 200 फीट की ऊंचाई पर लगभग 300 मीटर की चौड़ाई में दिखाई जायेगी। विविध कलाकृतियां पटना के लोगों का मन मोहित करेंगी।
इस ड्रोन शो में 1000 स्मॉल नेनो केटेगरी ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जो पूर्ण रूप से भारत की कंपनी ने डिजाइन और मेनुफेक्चर किया है।
इस प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल, प्रवक्ता पीयूष शर्मा ,राकेश पोद्दार और अमित प्रकाश बबलू उपस्थित रहे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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