पूरा हो चुका है मुख्यमंत्री पद और तेजस्वी के बीच का फासला : प्रमोद तिवारी
पटना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुये कहा कि मैं बिहार के प्रथम और द्वितीय चरण के मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कल से लेकर अभी तक हमारी महागठबंधन के साथियों और प्रदेश की जनता मालिकों से बातचीत हुई और मैं आपको यह कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री पद और तेजस्वी यादव के बीच का फासला लगभग पूरा हो चुका है। 7 तारीख को तीसरे चरण के मतदान के बाद महागठबंधन दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगार नौजवानों, मजदूरों,किसानों, महिलाओं,छोटे व्यापारियों और प्रदेश के आम जनमानस ने भरपूर आशीर्वाद दिया है। मैं उत्तर प्रदेश से आता हूँ और मेरी चार दशक की राजनीति यहीं बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में हुई है। भाजना ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट बीएसपी को दे दी, मायावती ने एमएलसी चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को समर्थन की घोषणा की है और वही बहन जी बिहार में ओवैसी के साथ मिलकर भाजपा का कर्ज उतारने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि मैं एक खुलासा पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहता हूं कि जब मैं लगातार दो दिन से हेलीकॉप्टर से घूम रहा था तो एक सभा के दौरान एक नवयुवक मेरे पास आया और मेरे पैर छुए तो मैंने उनसे पूछा कि आप कौन हैं तो उन्होंने अपना पूरा परिचय दिया कि वह उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले हैं और यही काम करते हैं। उन्होंने साक्षियों के माध्यम से मुझे बताया कि भाजपा का प्रोटोकॉल देखने वाले लोग ही ओवैसी का प्रोटोकॉल देख रहे हैं। वहां राज्यसभा और यहां विधानसभा, दाल में कुछ काला नहीं यहां तो पूरी दाल ही काली है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे बिहार में घूम- घूमकर रोजगार देने की बात कर रहे हैं मेरा प्रधानमंत्री से सीधा सवाल है कि 2014 में उन्होंने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने की घोषणा की थी, उस हिसाब से आज तक पूरे देश में 12 करोड़ नौकरियों का सृजन होना चाहिए था और बिहार के लोगों को उसमे से एक करोड़ नौकरियां मिलनी चाहिए थी। मैं प्रधानमंत्री से एक करोड़ नौकरियों का हिसाब मांगना चाहता हूं। हमारा वादा है 5 साल का और हम उसका हिसाब समय आने पर देंगे मगर आपने 2014, 2015 और 2019 में आपने जो वादे किए थे उसका हिसाब देने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार चंद्रगुप्त मौर्य, आर्यभट्ट, चाणक्य, सम्राट अशोक, गौतम बुद्ध, भगवान महावीर सहित अनेक महान लोगों की धरती है। प्रधानमंत्री जिस तरीके की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं ऐसा ना ही किसी प्रधानमंत्री ने आज तक किया है ना करेंगे। जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक ने भी इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में घूम घूमकर बता रहे हैं कि हमारी डबल इंजिन की सरकार है, हां है पर चालबाज़ी का डबल इंजन।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों अलग अलग दिशा में चल रहे है जिससे यात्रियों को खूब झटके लगे हैं अब बिहार की जनता को एक सुखद यात्रा की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी कारोना में भी नीतीश कुमार ने भ्रमजाल फैलाने का काम किया है। सैकड़ों गरीब मजदूर जब चल कर अपने घर लौट रहे थे, उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ विज्ञापनों और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने आवास में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे। बिहार की जनता से दुश्मनी का प्रमाण देते हुए उन्होंने प्रदेश की सीमा बंद कर दी। इस निष्ठुरता का जवाब बिहार के लोगों ने दे दिया है। अगली बार जब मुख्यमंत्री अपने मित्र प्रधानमंत्री से मिले तो बिहारियों के डीएनए का हिसाब भी मांग लें। कुर्सी के लिए डीएनए की गाली पर बिहार की जनता उनको माफ नहीं करेगी। इस अवसर पर सोशल मीडिया के अध्यक्ष रोहन गुप्ता और प्रदेश प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा भी मौजूद थे।