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फिल्‍म ‘रंगीला’ में मिलेगा दर्शकों का प्‍यार : पूनम दूबे

कई भोजपुरी फिल्‍मों में अपनी अदाकारी से लोगों को दीवाना बना लेने वाली अभिनेत्री पूनम दूबे जल्‍द 18 अगस्‍त से ‘रंगीला’ के रंग में रंगती नजर आएंगी। साथ होंगे भोजपुरिया स्‍क्रीन के चेहते स्‍टार प्रदीप पांडे उर्फ चिंटू पांडेय, जो इस फिल्‍म में धरती से लेकर यमलोक तक अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरेंग। फिल्‍म को लेकर उत्‍साहित पूनम को यकीन है कि उन्‍हें दर्शकों का खूब प्‍यार मिलेगा। आदि शक्ति एंटरटेंमेंट और सोहम फिल्‍म्‍स के बैनर तले बन रही फिल्‍म 18 अगस्‍त से सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।

फिल्‍म में अपनी भूमिका को लेकर पूनम कहती हैं कि ‘रंगीला’ में मेरा किरदार बहुत प्‍यारा है और काफी सकारात्‍मक भी है। फिल्‍म एक ऐसे लड़के की कहानी पर आधारित है, जिसमें वह अपने सपनों की शहजादी की तलाश में र‍हता है। फिल्‍म में मुझे चिंटू पांडेय और उनके परिवार का भी प्‍यार मिलता है। कहानी आगे बढ़ती है और सफर यमलोक का शुरू हो जाता है। बांकी कहानी के क्‍लामेक्‍स के लिए फिल्‍म को देखना ज्‍यादा बेहतर होगा, क्‍योंकि उसमें जो रोमांच है वो बयां नहीं किया जा सकता है।

पूनम ने बताया कि फिल्‍म के प्रीमियर पर लोगों ने उनके अभिनय को सराहा, जिससे उम्‍मीद बंधी है कि दर्शकों को भी मेरा किरदार पसंद आएगा। इस फिल्‍म में मेरा कैरेक्‍टर काफी स्‍वीट है, जो मेरे दिल को छूता है। अभी तक मैंने जितनी भी फिल्‍में की, अमूमन सब में नाचना – गाना, हंसी – मजाक के बाद फिल्‍म के नायक से मिलने पर कहानी खत्‍म हो जाती थी। मगर इस फिल्‍म में नायक से तो मिलन नहीं होग, हां दर्शकों का प्‍यार जरूर मिलेगा।बता दें कि फिल्‍म ‘रंगीला’ के निर्माता दुर्गा प्रसाद मजूमदार व राजेश वर्मा  और निर्देशक रवि सिन्‍हा हैं। फिल्‍म में चिंटू, पूनम दूबे के अलावा तनुश्री, फूल सिंह, रोहित सिंह मटरू, संजय पांडेय, सुजीत सिंह, बॉबी खान, विनोद मिश्रा, मेहराज खान, मनीष चतुर्वेदी मुख्‍य भूमिका में नजर आएंगे। फिल्‍म की कहानी लाल जी यादव ने लिखी है। सिनेमेटोग्राफी जहांगीर सैयद की है। प्रचारक रंजन सिन्‍हा, गीतकार श्‍याम देहाती और संगीतकार राजकुमार आर पांडेय हैं।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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