पहला पन्ना
editor
सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।
Related Articles
गांधी जरूर निहार रहे होंगे अन्ना के आंदोलन को
August 18, 2011
दिलचस्प है अखंड आर्यावर्त से इंडिया तक का सफर
August 5, 2020
पटना में सात दिवसीय फिल्म निर्माण कार्यशाला शुरु
February 3, 2017
Check Also
Close
-
बिहार में बड़ी लकीर का विप्लवFebruary 23, 2015