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बांकीपुर में मुरझाये कमल पर झाड़ू फेरने की तैयारी में आप प्रत्याशी डॉ. पंकज कुमार गुप्ता

पटना। आमतौर पर लोग स्वीकार करते हैं कि जीवन का हर पक्ष सियासत से जुड़ा है, लेकिन सियासत में गंदगी भरी हुई है। यही वजह है कि लोग राजनीति जानते समझते हुये भी इसमें कदम रखने से कतराते हैं, और देश व समाज में सुधार या बेहतरी की जिम्मेदारी दूसरों पर छोड़ कर अपने कामों में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन डॉ. पंकज कुमार गुप्ता उनलोगों में शामिल नहीं हैं जो दूर से राजनीति पर लाल बुझ्झकड़ की तरह बात करते हैं और इसमें उतर कर इसकी सफाई करने की जिम्मेदारी से यह कहते हुये पल्ला झाड़ लेते हैं कि इस दलदली कीचड़ में उतरना समझदारी नहीं है। काफी कम उम्र में ही डाक्टरी के पेशे में एक मुकाम हासिल करने के बावजूद डॉ. पंकज कुमार गुप्ता उन शक्तियों से आंख मिलाने का हिम्मत करते हैं जो सियासत को लगातार निम्मतर स्तर पर ले जाने के लिए लंबे समय से सक्रिय है। तभी तो वह बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी का झंडा बुलंद करते हुये कहते हैं,“मैं सिर्फ राजनीति करने नहीं, बल्कि इसे बदलने आया हूं। वैसे भी आम आदमी पार्टी राजनीति में बदलाव में यकीन करती है।”

पीएमसीएच से डाक्टरी की पढ़ाई पढ़ने के बाद उन्होंने पहले तो खुद को नाक, कान और गला के डाक्टर के तौर पर स्थापित किया। पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज में रहे फिर दिल्ली चले गये। उन्हें दिल्ली में अन्ना आंदोलन से जुड़ने का मौका मिला। इस आंदोलन के एक मुकाम पर जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी बनाने की बात चली तो वह भी राजनीति में तब्दीली के लिए अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हो गये। कहा जा सकता है कि वह पहले दिन से आम आदमी पार्टी के सिपाही हैं।

डॉ. पंकज कुमार गुप्ता को पता था कि सियासत की डगर काफी टेढ़ी होती है। लेकिन उनका इरादा साफ था कि डाक्टरी के साथ-साथ राजनीति में उग आये तमाम तरह की बीमारियों का भी उन्हें इलाज करना है। वह कहते हैं, “मैं पेशे से डाक्टर हूं। डाक्टरी कभी नहीं छोड़ सकता हूं। चाहे मैं विधायक और एमपी ही क्यों न बन जाऊं मरीजों की मुफ्त में इलाज करता रहूंगा।”

वह बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में सधे हुये कदम से आगे बढ़ रहे हैं। उनके पास यहां के हर मुहल्ले और हर गली की मुक्कमल जानकारी है। बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में उनका होमवर्क काफी जबरदस्त है। यहां के हर मुहल्ले में वह दस्तक दे रहे हैं और जिस तरह से भाजपा के निवर्तमान  विधायक नीतिन नवीन के खिलाफ लोगों का उन्हें समर्थन मिल रहा है उससे धीरे-धीरे उनकी ताकत में भी इजाफा हो रहा है। वह कहते हैं, “यहां के लोग अपने निवर्तमान विधायक नीतिन नवीन से काफी नाराज हैं। लगातार विधायक होने के बावजूद इस क्षेत्र के लिए उन्होंने कुछ किया ही नहीं है। यह मैं नहीं बोल रहा हूं यहां के लोग बोल रहे हैं जिनसे मैं मिल रहा हूं। इस बार की बारिश में तो कई कई दिनों तक लोगों के घर डूबे रहे। न तो उनके पास पीने के लिए साफ पानी था और न खाने के लिए अन्न। यदि इस बार वह लोगों के बीच वोट मांगने जाएंगे तो लोग उनकी बेहतर खातिरदारी करेंगे। बांकीपुर पटना शहर का मुख्य हिस्सा है। इस क्षेत्र का जैसा विकास होना चाहिए था नहीं हुआ है। यहां की सबसे बड़ी समस्या ड्रैनेज की है। एक महीन से यहां को लोगों से मिल रहा हूं। ड्रैनेज ध्वस्त है यहां पर। आधे घंटे की बारिश में बड़ी बड़ी पॉश कॉलनियां डूब जाती हैं। यहां के नेताओं में टाउन प्लानिंग ही नहीं है। सरकार के पास विजन ही नहीं है। मैं शहर के लिए प्लान लेकर आऊगा। बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र पटना शहर के बीचो बीच स्थित है। जिस तरह से इसका सौंदर्यीकरण होना चाहिए था वैसे नहीं हुआ। यहां की सड़कों पर लाइट भी नहीं है। सभी सड़कों और चौक चौराहों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। ”

राजद और जदयू के 30 साल के शासन काल से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में वह कहते हैं,“बिहार की अवाम इन दोनों से अच्छी तरह से वाकिफ है। वह तीसरे विकल्प की तलाश कर रही है और उनके दिल दिमाग में आम आदमी पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में तेजी से उभर रही है। बिहार की अवाम आम आदमी पार्टी को तीसरे विकल्प के रूप में देखना चाहती है। बिहार का हर क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। नीतीश कुमार ने जनता को हताश किया है। बिहार को इन्होंने गर्त मे डाल दिया है। हमलोग शिक्षा, स्वास्थ्य,  खुशहाल किसान और रोजगार युक्त और अपराध मुक्त बिहार पर काम करेंगे।

कारोना महामारी से संबंधित एक सवाल के जवाब में वह कहते हैं, “दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने कारोना पर जो काम किया है, वह दिल्ली और देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनका लोहा मान लिया गया। यहां तक कि अमेरिका की ट्रंप सरकार ने भी माना है कि इस माहामारी से निपटने के लिए उनके द्वारा उठाये गये कदम काफी कारगर साबित हुये। उनकी तुलना में तो बिहार में कुछ भी नहीं हुआ। बिहार सरकार ने सिर्फ कागजी काम किया है। सरकार की कोई तैयार नहीं थी। इस महामारी से निपटने के लिए एक विजन की जरूरत थी जो बिहार सरकार के पास नहीं थी। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने एक नई राजनीतिक दिशा दिखाई है। आनेवाले समय में दिल्ली का यह मॉडल बिहार के साथ साथ पूरे देश में  कारगर साबित होगा। मुझे बिहार के लोगों पर पूरा विश्वास है।

अल्पसंख्यकों से संबधित एक सवाल के जवाब में वह कहते हैं,“अल्पसंख्यकों का बीजेपी और कांग्रेस से विश्वास उठ चुका है। हमलोग उन्हें शिक्षित करेंगे। एक बार वे शिक्षित हो जाएंगे तो अपना भला बुरा खुद समझ जाएंगे। लेकिन पुराने पोलिटिकल पार्टियों ने उन्हें धर्म का अफीम चटा रखा है। हमलोग आंदोलन के निकले आदमी है, जैसे दिल्ली में कायाकल्प किया है, वैसे ही बिहार में भी करेंगे। मैं पिछले दो साल से सक्रिय हूं और अरविंद केजरीवाल के दिशा निर्देश में कोशिश कर रहा हूं कि पढ़े लिखे लोग पार्टी को ज्वाइन करें। अब तक राजनीति में गुंडों की इसमें पैठ रही है। पैसा और बाहुबल के बिना भी आम जनता यदि ईमानदारी से सोचे तो सबकुछ ठीक हो जाएगा।

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