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महात्मा फुले समता परिषद ने की देश में जातीय जनगणना की मांग

पटना। बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पेशकदमी से बिहार में जाति जनगणना की सहमति बन रही है और उनके नेतृत्व में बिहार विधानमंडल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया। इस पेशकदमी और दृढ़ता के लिए महात्मा फुले समता परिषद माननीय नीतीश कुमार को बधाई देती है। बिहार में जाति जनगणना होगा इसका स्वागत करते हुए महात्मा फुले समता परिषद यह समझती है कि इसका लाभ आंशिक होगा। अगर सर्वांगीण असर और लाभ चाहते हैं तो जाति जनगणना पूरे देश में होना आवश्यक है। समेकित विकास के लिए परिषद समझती है कि भारत सरकार इस पर सहमत होगी। इसलिए परिषद भारत सरकार से मांग करती है कि देशभर में जाति जनगणना कराई जाए। जब तक देश में जनगणना नहीं होगी तब तक हमारी लड़ाई और अभियान जारी रहेगा।
जाति जनगणना के सवाल को लेकर महात्मा फुले समता परिषद पंचायत स्तर पर जनजागरूकता फैलाने का काम करेगी। यह फैसला जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष व महात्मा फुले समता परिषद के संरक्षक माननीय उपेंद्र कुशवाहा जी की मौजूदगी में पटना में संगठन की राज्यस्तरीय बैठक में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष कुशवाहा ने किया। बैठक का संचालन प्रधान महासचिव सुभाष चंद्रवंशी ने किया। गौरतलब है कि महात्मा फुले समता परिषद विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर लगातार काम करती रहती है। माना जा रहा है देशभर में पंचायत, नगर परिषद और महानगर पालिका के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने भी जाति जनगणना के महत्व को बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के दिसंबर 2020 के आदेश के मुताबिक पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना का डेटा एक अनिवार्य शर्त है, इसलिए महात्मा फुले समता परिषद यह समझती है कि सरकार इसको जल्द से जल्द कराए ताकि सभी वर्गों को समान रूप से अवसर और लाभ सुनिश्चित किया जा सके। संगठन की बैठक में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा जी, विधान परिषद सदस्य सी पी सिन्हा जी, जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष जीतेन्द्र नाथ जी, डॉ जंग बहादुर सिंह जी, पूर्व विधायक श्याम बहादुर राम, विनोद कुशवाहा जी, संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष हिमांशु पटेल जी, मुख्य प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा जी, जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता जी, पूर्व प्रत्याशी रिंकू सोनी जी, आर के सिन्हा जी सहित महात्मा फुले समता परिषद के सभी जिला अध्यक्षों और संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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