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मुंगेर में भाजपा कार्यालय का हुआ उद्घाटन

लालमोहन महाराज, मुंगेर

भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय मुंगेर का भाजपा के जिलाध्यक्ष डाॅ अरूण कुमार पोद्दार ने विधिवत पूजा अर्चना कर उद्घाटन किया । भाजपा कार्यालय में उद्घाटन के निमित्त पूजनोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार पोद्दार ने की। मौके पर पहुंचे पंडित राजू पाठक के द्वारा कार्यालय का वैदिक रीति-रिवाज से पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया गया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि नवनिर्मित जिला कार्यालय भवन का शिलान्यास विगत वर्ष किया गया था। एक साल के अंदर ही जिला कार्यालय का नवनिर्मित भवन बन गया है।
कार्यालय मंदिर का स्वरूप होता है यहां संस्कार मिलता है और कार्यकर्ता को देश के प्रति काम करने की प्रेरणा मिलती है। अब भाजपा कार्यकर्ता कार्यालय में बैठक करेंगे। पार्टी को एक अच्छा कार्यालय मिल गया है ।अब किसी के पीछे नहीं भागना होगा। हम लोग इसमें अच्छे ढंग से कार्यक्रम कर सकते हैं। बम्बल तकिया में नवनिर्मित जिला कार्यालय में कार्यालय चलाने के लिए अध्यक्ष, महामंत्री के कक्ष के अलावे कंप्यूटर कक्ष भी बनाया गया है। इस अवसर पर पहुंचे मुंंगेेर भाजपा के विधायक प्रणव कुमार ने कहा कि बहुत दिनों से कार्यालय नहीं रहने के कारण जो परेशानियां उत्पन्न होती थी ,उससे अब निजात मिल गया है । उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि लोकसभा चुनाव में चार सौ के आंकड़ा को प्राप्त करने के लिए मेहनत करें और लाभार्थियों से संपर्क कर केंद्र व राज्य में संचालित लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिए गए धन्यवाद से जनता को अवगत कराएं । इस अवसर पर भाजपा के वरीय नेता रामजीवन प्रसाद सिंह,प्रेम सिंह, निशुतोष कुमार निशु, शैलेंद्र चौधरी,धरहरा के भाजपा प्रखंड अध्यक्ष राजेश सिंह राजू , नरेंद्र गांधी,शंकर सिंह उर्फ कैलू जी, बंटी सिंह,ब्रजेश सिंह, सोमू सिंहा, सत्यगुरु ठाकुर,बैजनाथ भगत प्राणनाथ भारत सहित अन्य थे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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