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योगी सरकार को ‘डॉलर सिटी’ से बड़ी उम्मीद, पूरी दुनिया में है यहां के कालीनों की भारी डिमांड

आशुतोष शुक्ल, लखनऊ

*– यूरोप के बड़े-बड़े सेवेन और फाइव स्टार होटलों में बिछी हैं भदोही की कालीनें*

*- अबतक 200 करोड़ के निवेश के मिल चुके हैं प्रस्ताव, 21 एक्सपोर्टरों ने साइन किया एमओयू*

*- कालीन उद्योग में हजार करोड़ के निवेश के लक्ष्य पर काम कर रही टीम भदोही*

लखनऊ। भदोही भले ही क्षेत्रफल की दृष्टि से यूपी का सबसे छोटा जिला हो, मगर डॉलर सिटी के नाम से विख्यात इस क्षेत्र से योगी सरकार को उम्मीदें काफी बड़ी हैं। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 23 की तैयारियों में जुटी टीम योगी के सामने 10 लाख करोड़ के निवेश का बड़ा लक्ष्य है, जिसमें से अबतक लगभग साढ़े सात लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव सरकार को मिल चुका है। वहीं अपने खूबसूरत हैंडमेड गलीचों (कालीन) के लिए दुनियाभर में विख्यात भदोही प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश के लिए प्रयासरत है।

*21 एक्सपोर्टरों ने साइन किया एमओयू*
योगी सरकार की ओर से भदोही को कार्पेट सेक्टर में पांच सौ करोड़ का लक्ष्य मिला है, बावजूद इसके अधिकारियों को विश्वास है कि वो इससे ज्यादा का निवेश करा ले जाएंगे। ऐसा तब है, जब यूरोप में युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं और कोविड के नए वैरिएंट ने दुनिया को एक बार फिर सहमा रखा है। फिलहाल टीम भदोही अपने लिए हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसमें से दो सौ करोड़ की डील निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से पूरी हो चुकी है। अबतक 21 निर्यातकों ने सरकार के साथ एमओयू डील को फाइनल कर लिया है।

*पूरे साउथ एशिया में हैंडमेड कालीन उद्योग का बड़ा केंद्र*
भदोही के जिलाधिकारी गौरांग राठी के अनुसार, हमारा जिला उत्कृष्ट डिजाइनों के कालीनों के निर्माण और निर्यात के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां लगभग 60,000 कारीगर इस कार्य से जुड़े हैं। जनपद में 1 लाख के करीब लूम संचालित होते हैं। यहां की हस्तनिर्मित कालीनों की बड़े अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में बहुत डिमांड है। उन्होंने बताया कि पूरे दक्षिण एशिया में हाथ द्वारा निर्मित कालीन का यह एक मुख्य केंद्र है। वर्तमान में यहां 500 से अधिक निर्यात इकाइयां कार्यरत हैं। यही कारण है कि भदोही को ‘कालीन नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है। हमारे यहां कार्पेट इंडस्ट्री पर रिसर्च और इसके संवर्धन के लिए भारतीय कालीन तकनीक संस्थान (Indian Institute of Carpet Technology)है, जो पूरे एशिया में अपनी तरह का इकलौता संस्थान है।

*हर साल कालीन से करते हैं पांच हजार करोड़ का कारोबार*
जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी उमेश वर्मा ने बताया कि भदोही से कालीन का प्रतिवर्ष लगभग 5 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। यूएसए, जर्मनी, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जर्मनी, रूस, जापान जैसे देशों में बड़े पैमाने पर भदोही के हैंडमेड कार्पेट पसंद किए जाते हैं। कई देशों में सेवन और फाइव स्टार होटलों में भदोही निर्मित कालीन शोभा बढ़ा रही हैं। इसके अलावा दक्षिण एशिया के कई देशों में भदोही की कालीनें निर्यात होती हैं। हाल ही में कार्पेट एक्स्पो के जरिए भी हमें लगभग चार से पांच हजार करोड़ के निर्यात के ऑडर बायरों से मिलने की संभावना है।

*ओडीओपी प्रदर्शनी में भी होगा भदोही की कालीनों का जलवा*
अधिकारी के अनुसार भदोही का कालीन उद्योग यहां का वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट भी है। ये उत्तर प्रदेश टॉप 5 ओडीओपी में भी शामिल है। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले लखनऊ में ओडीओपी की एक बड़ी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें नि:संदेह भदोही की कालीनें अपना अलग ही जलवा बिखेरेंगी। प्रदर्शनी में उच्च क्वालिटी की कालीनों का प्रदर्शन हो, इसके लिए निर्यातकों और उद्यमियों से परस्पर संपर्क किया जा रहा है।

editor

सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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