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राष्ट्रकवि दिनकर  की कविता में सभी रंगों का सार है : विनोद नारायण झा

पटना। राष्ट्रकवि रामाधारी सिंह दिनकर के जयंती के पूर्व संध्या पर भारतीय जनता पार्टी के कैलाशपति मीडिया सेंटर में काव्य पाठ का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि बिहार सरकार के मंत्री विनोद नारायण झा ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

माँ सरस्वती वंदना के उपरांत कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रदेश कार्यसमीति सदस्य विनोद शर्मा ने दिया। इसके बाद कार्यक्रम का संयोजन कर रहे डॉ. विनोद शर्मा और राजेश झा राजू ने कवियों एवं अतिथियों को बुके एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मंत्री विनोद नारायण झा ने राष्ट्रकवि रामाधारी सिंह दिनकर को याद करते हुए कहा कि वो बिहार पुत्र थे लेकिन पूरे राष्ट्र के गौरव थे। उनकी कविता में जीवन के सभी रंगो के सार है। दिनकर वीर रस के साथ ही नव रस के भी कवि थे। वे राष्ट्रवाद से ओतप्रोत थे एवं पूरी जिंदगी समाज के उत्थान एवं संस्कृति के विकास पर केन्द्रित करते हुए कविताओं की रचना की। उनके सभी कविताओं में राष्ट्रप्रेम झलकता है। इस अवसर पर रामधारी सिंह दिनकर के पौत्र अरविंद दिनकर की विशेष उपस्थिति रही जिन्होनें दिनकर की कविताओं का पाठ किया।  इस अवसर पर पद्म श्री डॉ. शांती जैन, अराधना प्रसाद,  डॉ. शालीनी पांडे, भगवती प्रसाद द्विवेदी, अरविंद दिनकर,सरोज तिवारी, विजय व्रत कंठ, अभिलाषा और शिल्पा मिश्रा जैसे श्रेष्ठ कवि भी मौजूद रही।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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