लुबना( फिल्म स्क्रीप्ट,भाग-5)
Scene -12
Characters – मनकु और सरोज
Ext/Night/ Besides hut
(सरोज शराब के नशे में डगमगाती हुई चली आ रही है…कुछ दूरी पर बैठ मनकु उसे देखता है। नशे की हालत में वह सरोज की ओर बढ़ता है…और डगमगाती हुई सरोज को थाम लेता है। )
मनकु
(सरोज को थामते हुये)…लगता है आज ज्यादी पी ली है…
सरोज
(मनकु को धक्का देते हुये) …चल हठ मै अपने मरद को खोज रही हूं…..
मनकु
वो भी कही पी के पड़ा होगा….चल आज मैं तेरा काम कर दूं….
सरोज
(डगमगाते हुये)…..मेरा मरद नहीं है क्या…?? तू अपनी लुगाई के पास जा …
मनकु
(उसे दबोचने की कोशिश करता है, लेकिन वह उसे धक्का मार के जमीन पर गिरा देती है और खिलखिलाते हुये एक ओर भाग जाती है।)
कट टू…..
Scene -13
Characters – लुबना और रतिया
Ent/Night/ Inside hut.
(झोपड़ी के अंदर लुबना और रतिया जमीन पर बिछावन बिछा कर छत की ओर मुंह करके अगल बगल लेटे हुये हैं. दोनों नशे में टल्ली हैं।)
रतिया
(आंख बंद किय हुये)…पीने के बाद मरद की और तलब होती है…..
लुबना
मरद की या अपने मरद की??
रतिया
क्या फरक पड़ता है…..??
लुबना
चुप कर…..मेरी मां कहती थी…कि लुगाई को एक ही खूंटे से बंध के रहना चाहिये…लुगाई और गाय जल्दी खूंटा नहीं बदलती…
रतिया
कौन कहता है कि औरत गाय है…?
लुबना
(आंखे खोल के उसकी ओर देखती है) मैं चली धूसर के पास….कहीं पड़ा होगा पी के….
(डगमगाते हुये वह झोपड़ी के बाहर निकलती है। रतिया लेटे-लेटे ही दरवाजे के दूसरी तरफ मुंह कर लेती है। तभी धूसर नशे की हालत में झोपड़ी के अंदर दाखिल होता है और दूसरी तरफ मुंह करके लेटी हुई रतिया की ओर देखता है।)
कट टू…..