शादी रचाकर लड़कियों को धोखा दे रहे हैं आरएसएस प्रचारक
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जहां भगवा और हिंदू आंतक के आरोपों से घिरने के बाद परेशानी में हैं वहीं इसके कुछ प्रचारकों का चरित्र कटघरे में होना भी मुसिबत का सबब बन गया है। प्रचारकों पर चरित्रहिनता के न सिर्फ आरोप लग रहे हैं बल्कि जिन महिलाओं के साथ इन लोगों ने अन्याय किया है वे न्याय की गुहार करती न्यायालयों में भी पहुंच गई हैं। हालांकि संघ ने आरोप लगने के बाद आरोपियों से अपना पिंडा छुड़ा लिया है, लेकिन ऐसे घटनाक्रमों से कहीं न कहीं संघ की आंतरिक व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
केस एक : मंदसौर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के संगठन मंत्री रहे ईश्वरदास बैरागी ने 9 जनवरी 2008 को एक स्थानीय लड़की विणा बैरागी से शादी की। संघ में बने रहने के लिए ईश्वरदास ने वीना से इस शादी को छुपाए रखने के लिए कहा। वीना ने शादीशुदा जीवन को चलाए रखने के लिए ईश्वरदास की बात मानी लेकिन उसे 2010 दिसंबर में पता चला कि ईश्वरदास दूसरी शादी कर रहा है। वीना ने पुलिस में रिपोर्ट करने के साथ ही कोर्ट की शरण ली और ईश्वरदास की दूसरी शादी रूक गई। हालांकि अब ईश्वरदास तीन साल से अधिक समय वीना के साथ गुजारने के बाद उसे अपनी पत्नी मानने से इंकार कर रहा है। वीना ने बताया कि उनके साथ हुए इस अन्याय में ईश्वरदास के साथ बीजेपी के बड़े नेता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विष्णु दत्त शर्मा भी शामिल हैं। इन्हीं के सर्मथन के कारण ईश्वरदास कानून को भी कुछ नहीं समझते।
केस दो : इंदौर के सुकलिया निवासी और एक निजी बैंक में कार्यरत निधी गुप्ता (परिवर्तीत नाम) से संघ प्रचारक सुरेंद्र शर्मा ने 17 मई 2008 को उसके घर में जबरदस्ती की। साथ ही आश्वासन दिया कि युवा मोर्चा में उन्हें अच्छा पद मिलने वाला है, इसके बाद वह शादी कर लेंगे। हालांकि वर्ष 2010 में उन्होंने शादी करने से इंकार कर दिया। इस पर निधी ने 15 मई 2010 को सुरेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद सुरेंद्र को संघ से निकाल दिया गया। हालांकि पहुंच के चलते आज तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। निधी ने बताया कि उसे बीजेपी के बड़े नेताओं से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। 26 मार्च को उसने इस संबंध में इंदौर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन पराग अभ्यंकर ने बद्तमिजी करते हुए उसे भगा दिया। निधि ने बताया कि उसे भाजपा के एक मंत्री ने भी बुलाकर धमकाया था।
वहीं जिनके साथ अन्याय हुआ है उन महिलाओं के निशाने पर सरकार के एक ताकतवर मंत्री और संघ के अनुषांगिक संगठन के आला पदाधिकारी भी हैं। आरोप यह है कि यह लोग अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके आरोपियों को बचा रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि कैसे संघ के कार्यकर्ताओं ने शादी के झांसा देकर सालों उनके साथ संबंध रखे और बाद में उन्हें अपनाने से ही इंकार कर दिया। मामला बढ़ने पर जब यह महिलाएं नेताओं और संघ के पदाधिकारियों से मिलीं तो उन्हें जान से मारने तक की धमकी दी गई।
इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री एबीवीपी ने जो बयान दिया है वह इस प्रकार है, ” मैंने दोनों ही मामलों में महिलाओं का साथ दिया है। लेकिन इसमें कई बड़े नेताओं का आरोपियों को संरक्षण है। इस कारण कुछ कार्रवाई नहीं हो पाई है। प्रचारकों के चरित्र का इन मामलों से ज्यादा संबंध नहीं है क्योंकि मनुष्य होने के कारण गलतियां तो होती ही हैं। “