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17 साल बनाम 17 महीने का हिसाब दे रहे हैं जयप्रकाश नारायण यादव

लालमोहन महाराज ,मुंगेर

मुंगेर सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव युवा नेता है और वह जो कहते हैं ,वही करते हैं। इतने कम उम्र में तेजस्वी बिहार ही नहीं देश में भी सबसे आगे निकलकर कार्य किया है। बिहार में बेरोजगारों से किए गए वायदे को पूरा करने का एक अच्छा प्रयास किया । बेरोजगारों को रोजगार दिया । डिप्टी सीएम के पद पर रहते हुए बिहार के
विकास के लिए 17 महीने में जो उन्होंने कार्य किया है वह किसी से छुपी हुई नहीं है ।विधानसभा में संयमित रहकर विपक्ष पर जो करारा प्रहार किया वह काबिले तारीफ है। तेजस्वी ने जन विश्वास में विश्वास किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं व पार्टी के पदाधिकारियों को कहा कि मुंगेर में अगामी 27 फरवरी को तेजस्वी यादव के आगमन पर पर सभी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम धोखा नहीं देते हैं हम जन विश्वास के साथ सरकार में गए थे। उन्होंने अगामी 3 मार्च को पटना में होने वाले रैली को सफल बनाने का आह्वान किया। वही इस अवसर पर पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए जमालपुर के जहांगीर एवं जगदीशपुर के आठ युवकों के सड़क हादसे में हुई मौत के बाद अब तक मुआवजा राशि नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को नियमानुसार मुआवजा राशि व आश्रित परिवार की सहायता के लिए आगे आना चाहिए । उन्होंने मृतक के शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। इस अवसर पर राजद नेता अविनाश कुमार विद्यार्थी उर्फ मुकेश यादव, राजद जिला अध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा, जमालपुर नगर के राजद अध्यक्ष बम बम यादव, बबीता भारती , दिनेश यादव , गजेंद्र कुमार हिमांशु उर्फ अरविंद यादव सहित अन्य थे।

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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

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