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Saturday, April 20, 2024
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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

कसाईबाड़ा (नाटक समीक्षा)

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आज के वर्तमान अंधाधुंध  आधुनिकरण परिदृश्य में पैसा और व्यवस्था ने समाज में एक ऐसी दौड़ शुरू करा  दिया है।  जहां समाज का मध्यम...

बिहार की राजनीती में गठबंधन और मान-मनौव्वल

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विनायक विजेता, वरिष्ठ पत्रकार. * नरेन्द्र मोदी को बिहार में चुनाव प्रचार न करने का फेक सकते हैं पासा *  इस शर्त पर गठबंधन में हो...

अपहृत मां की बरामदगी के लिए मासूमों का आमरण अनशन, इच्छामृत्यु...

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शिव दास प्रजापति लखनऊ। बलिया के रसड़ा थाना क्षेत्र के डेहरी गांव निवासी राणा प्रताप सिंह की सोलह वर्षीय पुत्री राजनन्दिनी की दोपहरी इन दिनों...