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Thursday, April 25, 2024
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सदियों से इंसान बेहतरी की तलाश में आगे बढ़ता जा रहा है, तमाम तंत्रों का निर्माण इस बेहतरी के लिए किया गया है। लेकिन कभी-कभी इंसान के हाथों में केंद्रित तंत्र या तो साध्य बन जाता है या व्यक्तिगत मनोइच्छा की पूर्ति का साधन। आकाशीय लोक और इसके इर्द गिर्द बुनी गई अवधाराणाओं का क्रमश: विकास का उदेश्य इंसान के कारवां को आगे बढ़ाना है। हम ज्ञान और विज्ञान की सभी शाखाओं का इस्तेमाल करते हुये उन कांटों को देखने और चुनने का प्रयास करने जा रहे हैं, जो किसी न किसी रूप में इंसानियत के पग में चुभती रही है...यकीनन कुछ कांटे तो हम निकाल ही लेंगे।

सफेदपोशों की 101 पत्थर खदानों ने छीन लिया सोनभद्रवासियों का चैन

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सोनभद्र से शिव दास की रिपोर्ट सोनभद्र और आस-पास के सफेदपोशों की 101 पत्थर खदानों ने सोनभद्र के मूल बाशिंदों के साथ-साथ यहां के रहवासियों का...

यह कैसा पी आर है प्रेम बाबू ……!

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संजीव चंदन. पूरे तीन साल बाद पाखी के जुलाई अंक के कवर पेज पर दारोगा कुलपति , कोतवाल साहित्यकार श्री विभूति नारायण राय...

मामला मगध विश्वविद्यालय के बारह प्रचार्यो की नियुक्ति का

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विनायक विजेता, वरिष्ठ पत्रकार| पूर्व राज्यपाल के सलाहकार के इशारे पर हुई उगाही मामला मगध विश्वविद्यालय के बारह प्रचार्यो की नियुक्ति का रुपये वसूलने वाला प्रेमचंद है...